साइबर ठगी इन दिनों एक बड़ा चैलेंज बनकर उभरी है। सरकार इसकी रोकथाम के लिए कई जरूरी कदम उठा चुकी है लेकिन ठग नए-नए तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों को चूना लगाते हैं। कई ऐसे मामले सामने आते हैं जिसमें बैंक खाताधारक के डेबिट या क्रेडिट कार्ड की जानकारी को हैक करके पलभर में लाखों रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। वहीं कुछ मामलों में खाताधारकों की लापरवाही के चलते ऐसा होता है।

साइबर ठग आपके साथ कई तरीकों के जरिए ठगी को अंजाम दे सकते हैं। ठगी का तरीका कुछ इस तरह होता है कि खाताधारक को अंदाजा भी नहीं हो पाता और फिर वह बाद में पछताता है। ऐसा ही एक तरीका है एटीएम कार्ड क्लोनिंग। क्लोनिंग को अगर आसान शब्दों में समझाया जाए तो इसे किसी चीज की डुप्लीकेट कॉपी कहते हैं। यानि एटीएम कार्ड या फिर चेक की डुप्लीकेट कॉपी। क्लोनिंग के जरिए अक्सर लोग ठगी के शिकार होते हैं। इसके जरिए ठग खाताधारकों के एटीएम कार्ड या क्रेडिट कार्ड की जानकारी लेकर डुप्लीकेट कॉपी बनवा लेते हैं।

वहीं ठग कार्ड स्कीमिंग के जरिए भी खाताधारकों की मेहनत की मोटी और गाढ़ी कमाई को चुरा लेते हैं। स्कीमिंग तकनीक में एक स्किमर का इस्तेमाल किया जाता है। स्किमर किसी भी डेबिट कार्ड को रीड कर सकता है। स्कीमर को एटीएम मशीन के कार्ड रीडर में फिट किया जाता है। इसके साथ ही एटीएम के कीबोर्ड के ऊपर एक कैमरा भी फिट किया जाता है और इस तरह एटीएम कार्ड की जानकारी जुटा कर पैसे उड़ा लिए जाते हैं।

वहीं सेवाएं देने के नाम पर इंटरनेट पर लोगों से ठगी को अंजाम दिया जा रहा है। नौकरी देने के नाम पर कई फर्जी वेबसाइट चल रही हैं जिनके जॉब ऑफर के लालच में आकर खाताधारक पेमेंट कर देते हैं और बाद में उन्हें कुछ हासिल नहीं होता। इसके अलावा इंटरनेट सर्च के दौरान कई ऐसे स्पैम और फर्जी लिंक के झांसे में आकर भी खाताधारकों को साइबर ठग अपना शिकार बना रहे हैं।