Jan Aushadhi Kendra: कोरोना संकट के चलते देशभर में लॉकडाउन 17 मई तक लागू है। लॉकडाउन में लोगों को किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए सरकार ने अपनी तरफ से कई प्रयास किए हैं। इसी कड़ी में अब जेनरिक दवाईयां बेचने वाले जन औषधि केंद्र से अब ग्राहक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हट्सएप और ई-मेल के जरिए दवाएं खरीद सकते हैं।
इन प्लेटफॉर्म पर अपलोडेड प्रिस्क्रिप्शनों के आधार पर रोगियों के घर के दरवाजों तक दवाईयां पहुंचाई जा रही है। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत कई प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र देश के अलग-अलग हिस्सों में सक्रिय हैं। ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) देश भर में जनऔषधि केंद्र चलाता है।
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत कई प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र देश के अलग-अलग हिस्सों में सक्रिय हैं। प्रधानमंत्री जन औषधि योजना मोदी सरकार की ऐसी योजना है जिसके तहत मरीजों को 50 से 90 फीसदी तक सस्ती दवाईयां मुहैया करवाई जाती हैं। पीएम मोदी ने 2015 में इस योजना की शुरुआत की थी। इसका मकसद महंगी दवाओं का वित्तीय बोझ झेल रहे गरीबों को सस्ती दवाएं देना है। सरकार का कहना है कि गुणवत्ता के मामले में यह दवाईयां ब्रांडेड जेनेरिक्स दवाईयों से कम नहीं हैं।
रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा, ‘यह खुशी की बात है कि कई जरूरतमंदों तक आवश्यक दवाएं पहुंचाने के लिए आधुनिक संचार साधनों का उपयोग कर रहे हैं. इनमें वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शामिल हैं।’ एंड्रॉइड और आईओएस मोबाइल यूजर्स ‘जन औषधि सुगम’ नामक के मोबाइल एप से अपने आस-पास के जन-औषधि केंद्र से संपर्क साधकर दवाओं को ऑर्डर दे सकते हैं।
