कार खरीदते वक्त लोग काफी रिसर्च करते हैं कि कौन सी कार बेस्ट है या कौन सा मॉडल खरीदना है, क्या बजट है या कार में क्या-क्या क्वालिटी चाहिए? लेकिन जब बात कार के इंश्योरेंस की आती है, तब लोग शायद ही इस पर ज्यादा ध्यान देते हैं। लेकिन कार का इंश्योरेंस लेते वक्त कई बातें ध्यान देने की होती है, ताकि इंश्योरेंस क्लेम करते वक्त आपको परेशानी ना झेलनी पड़े।
कम प्रीमियम का इंश्योरेंस ना करें सलेक्टः कार खरीदते वक्त लोगों के काफी पैसे खर्च हो जाते हैं, ऐसे में वह कार इंश्योरेंस जैसी चीजों पर कम पैसे खर्च करने के बारे में सोचते हैं और कम प्रीमियम का इंश्योरेंस ले लेते हैं, लेकिन यह नजरिया गलत है। कार इंश्योरेंस लेते वक्त इंश्योरेंस पर खूब रिसर्च करके और इंश्योरेंस में क्या-क्या कवर है, यह पता करके ही इंश्योरेंस लेना चाहिए।
इंश्योरेंस में एड-ऑन पर ध्यान देना है जरुरीः मोटर इंश्योरेंस में थर्ड पार्टी नुकसान से भी ज्यादा चीजें कवर होती हैं। इसलिए इंश्योरेंस लेते वक्त एड-ऑन चीजों पर भी ध्यान देना जरुरी है। इनमें जीरो डेपेरेसिएशन, इनवॉयस, पैसेंजर कवर, ब्रेकडाउन असिस्टेंस आदि भी इंश्योरेंस कवर के तौर पर मिलते हैं।
क्या क्या चीजें हैं कवर, इसका ध्यान रखना जरुरीः इंश्योरेंस में क्या कवर है यह प्रोडक्ट और प्रीमियम पर निर्भर करता है। आमतौर पर कार इंश्योरेंस में एक्सीडेंट से होने वाला नुकसान, आग और प्राकृतिक कारणों से होने वाला नुकसान आदि शामिल होते हैं। लेकिन निजी एक्सीडेंट कवर, प्राकृतिक आपदा आदि से होने वाला नुकसान भी इंश्योरेंस में शामिल है या नहीं, ये पता करना भी जरुरी है।
इंश्योरेंस पॉलिसी के दस्तावेज ध्यान से पढ़ने चाहिएः इंश्योरेंस पॉलिसी के दस्तावेज आमतौर पर काफी मुश्किल होते हैं और लोग सामान्य तौर पर नहीं पढ़ते और सिर्फ एजेंट की सलाह पर पॉलिसी ले लेते हैं, जो कि एक गलती मानी जाती है। इसलिए इंश्योरेंस लेते वक्त दस्तावेज पढ़ना और उन्हें समझना बेहद जरुरी है।

