India Chip Based E-Passports 2025: भारत में अब पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया और सुरक्षित हो गई है। पारंपरिक कागजी पासपोर्ट के साथ अब एक नया डिजिटल बदलाव जोड़ा गया है—ई-पासपोर्ट। इसमें आपके पहचान और निजी जानकारी को और बेहतर तरीके से सुरक्षित रखने के लिए अत्याधुनिक तकनीक शामिल की गई है। ई-पासपोर्ट देखने में तो सामान्य पासपोर्ट जैसा ही होता है, लेकिन इसके अंदर एक खास चिप लगी होती है। इस चिप में आपकी फोटो, अंगुलियों के निशान, नाम, जन्मतिथि और अन्य जरूरी जानकारी डिजिटल रूप में दर्ज होती है। इसके अलावा, पासपोर्ट के कवर पर एक खास सुनहरे रंग का निशान बना होता है जो यह बताता है कि यह ई-पासपोर्ट है।

किस तकनीक का इस्तेमाल होता है?

इस पासपोर्ट में RFID (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) चिप लगी होती है, जो चुपचाप आपके डेटा को स्कैनिंग मशीनों से कनेक्ट कर सकती है। साथ ही इसमें PKI (पब्लिक की इंफ्रास्ट्रक्चर) तकनीक का इस्तेमाल होता है, जिससे आपकी जानकारी किसी भी छेड़छाड़ से सुरक्षित रहती है। यह तकनीक आपके बायोमेट्रिक डेटा की सही पहचान में मदद करती है और फर्जीवाड़े की संभावना को बेहद कम कर देती है।

ई-पासपोर्ट की शुरुआत कब और कहां से हुई?

भारत सरकार ने इस योजना की शुरुआत “पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम 2.0” के तहत 1 अप्रैल 2024 से की थी। यह एक पायलट प्रोजेक्ट था, जिसे पहले कुछ चुने हुए शहरों में शुरू किया गया। इनमें नागपुर, भुवनेश्वर, जम्मू, गोवा, शिमला, रायपुर, अमृतसर, जयपुर, चेन्नई, हैदराबाद, सूरत और रांची जैसे शहर शामिल हैं। इन शहरों में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों को ई-पासपोर्ट जारी करने के लिए पूरी तरह तैयार किया गया है।

तमिलनाडु में ई-पासपोर्ट की शुरुआत 3 मार्च 2025 को चेन्नई से हुई। इसके बाद 22 मार्च तक राज्य में करीब 20,729 ई-पासपोर्ट जारी किए जा चुके हैं।

क्या ई-पासपोर्ट बनवाना जरूरी है?

नहीं, ई-पासपोर्ट बनवाना अनिवार्य नहीं है। यदि आपके पास पहले से पारंपरिक पासपोर्ट है, तो वह उसकी समाप्ति तिथि तक पूरी तरह वैध रहेगा। यानी अगर आपके पास अभी पुराना पासपोर्ट है, तो आपको अभी तुरंत ई-पासपोर्ट बनवाने की जरूरत नहीं है। लेकिन नए पासपोर्ट बनवाने पर सरकार अब धीरे-धीरे ई-पासपोर्ट की सुविधा को बढ़ावा दे रही है।

ज्यादा सुरक्षा: आपकी जानकारी चिप में सेव होने से छेड़छाड़ की संभावना बहुत कम हो जाती है।
तेज़ प्रक्रिया: इमीग्रेशन चेक और वेरिफिकेशन की प्रक्रिया और तेज व सटीक होती है।
धोखाधड़ी से सुरक्षा: नकली पासपोर्ट बनवाने जैसे अपराधों पर रोक लगती है।

सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में सभी पासपोर्ट ऑफिस ई-पासपोर्ट बनाने की सुविधा देने लगें। इससे भारत की पहचान दस्तावेज़ प्रणाली और भी आधुनिक और सुरक्षित बन जाएगी।

ई-पासपोर्ट भारत की डिजिटल दिशा में एक अहम कदम है। यह न केवल आपकी पहचान को अधिक सुरक्षित बनाता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की पहचान प्रणाली को मजबूत भी करता है। आने वाले समय में यह हर भारतीय के लिए पासपोर्ट प्रक्रिया को आसान और अधिक भरोसेमंद बना देगा।