भारतीय खुफिया एजंसियों ने चीन से संबंधित मोबाइल एप्लीकेशन पर केंद्र सरकार को आगाह किया है। एजंसियों ने कहा है कि 53 मोबाइल एप्लीकेशन ऐसी हैं जिनके जरिए चीन बड़े स्तर पर भारतीयों के मोबाइल डाटा की चोरी कर सकता है। खुफिया एजंसियों की नजर में ये एप्स सुरक्षा के लिहाज से बड़ा खतरा है। खुफिया एजेंसी की तरफ से सरकार को भेजी गई इन 53 एप्स की लिस्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप जूम, शॉर्ट-वीडियो ऐप टिक टॉक, यूसी ब्राउजर, एक्सेंडर, शेयरइट और क्लीन-मास्टर जैसी एप्स शामिल हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय द्वारा खुफिया एजेंसियों की सिफारिश का समर्थन किया गया था, खुफिया एजेंसियों की तरह ही इस विभाग को भी लगा कि ये मोबाइल एप्स भारत की सुरक्षा के लिए घातक साबित हो सकते हैं। अधिकारी ने कहा, सिफारिशों पर चर्चा जारी है, हर मोबाइल ऐप से जुड़े मापदंडों और जोखिमों की एक-एक करके जांच की जाएगी।
गृह मंत्रालय ने अप्रैल माह में एडवायजरी जारी कर कहा था कि जूम एप सुरक्षित नहीं है और सरकारी अधिकारी आधिकारिक कार्यों के लिए इसका इस्तेमाल न करें। गृह मंत्रालय के साइबर समन्वय केंद्र (साइकोर्ड) ने एक परामर्श में यह चेतावनी जारी की थी। इससे पहले यह चेतावनी, कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सर्ट-इन) द्वारा जारी की गई थी। भारत ही नहीं बल्कि अन्य कई देशों ने जूम एप को संदिग्ध और सुरक्षा के लिहाज से खतरा माना था। ऐसे में इसके इस्तेमाल पर बैन लगाया गया या फिर बेहद सावधानी के साथ इस्तेमाल के लिए कहा गया।
मालूम हो कि लाइन ऑफ एक्चुलएल कंट्रोल यानी एलएसी पर चीनी सेना के साथ भारतीय सेना की झड़प के बाद हमारे 20 सैनिक शहीद हुए हैं जिसके बाद चीनी सामान का बहिष्कार किया जा रहा है और मोबाइल एप के इस्तेमाल पर भी रोक लगाए जाने की बात कही जा रही है।