Smartphone Guidelines: साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं के चलते इंटरनेट यूजर्स के लिए साइबर जागरूक होना बहुत जरूरी है। ऐसे में भारत सरकार ने ‘बेस्ट प्रैक्टिसेज’ पर एक एडवाइजरी जारी की है जिसका पालन स्मार्टफोन यूजर्स ऑनलाइन सुरक्षित रहने के लिए कर सकते हैं।
क्या करें और क्या न करें: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ने नागरिकों को अपने स्मार्टफोन पर ऐप डाउनलोड करने या ऑनलाइन ब्राउज़ करने के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए से जुड़ी गाइडलाइंस जारी की है।
- इन गाइडलाइंस के मुताबिक, केवल आधिकारिक ऐप स्टोर जैसे गूगल प्ले स्टोर और ऐप स्टोर से ही कोई ऐप करें, जिससे हानिकारक ऐप्स डाउनलोड करने के जोखिम को कम किया जा सके।
- ऐप डाउनलोड करने से पहले हमेशा ऐप विवरण, डाउनलोड की संख्या, उपयोगकर्ता समीक्षाएं, टिप्पणियां और अतिरिक्त जानकारी के बारे में जानकारी हासिल करें।
- ऐप परमिशन को वेरीफाई करें और केवल उन परमिशन को ही अनुमति दें जो ऐप के लिए प्रासंगिक हों।
- साइड लोडेड ऐप्स इंस्टॉल करने के लिए अविश्वसनीय स्रोत पर क्लिक न करें।
- एंड्रॉइड डिवाइस वेंडर्स से उपलब्ध होने पर एंड्रॉइड अपडेट और पैच इंस्टॉल करें।
- किसी भी अवांछित ईमेल और एसएमएस में दिए गए लिंक पर क्लिक करते समय अविश्वसनीय वेबसाइटों को ब्राउज़ न करें या अविश्वसनीय लिंक पर क्लिक न करें और सावधानी बरतें।
- ऐसे संदिग्ध नंबरों पर ध्यान दें जो ओरिजिनल फोन नंबरों की तरह न दिखें। स्कैमर्स अक्सर अपने असली फोन नंबर को छुपाने के लिए ईमेल-टू-टेक्स्ट सेवाओं का इस्तेमाल करके अपनी पहचान छुपाते हैं।
- मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक करने से पहले रिसर्च करें। ऐसी कई वेबसाइटें हैं जो किसी को भी फ़ोन नंबर के आधार पर सर्च करने की अनुमति देती हैं और कोई नंबर वैध है या नहीं, इसके बारे में भी जानकारी पता करने की अनुमति देती है।
- केवल उन URL पर क्लिक करें जो वेबसाइट डोमेन को स्पष्ट रूप से दिखाते हैं। संदेह होने पर यूजर यह सुनिश्चित करने के लिए सीधे सर्च इंजन का उपयोग कर चेक कर सकते हैं कि वो जिन वेबसाइटों पर गए हैं वे वैध हैं।
- अपने फोन में एंटीवायरस और एंटीस्पायवेयर सॉफ़्टवेयर को इन्स्टाल और अपडेट रखें।
- अपने एंटीवायरस, फ़ायरवॉल और फ़िल्टरिंग सेवाओं में सुरक्षित ब्राउज़िंग टूल, फ़िल्टरिंग टूल का इस्तेमाल करें।
- व्यक्तिगत विवरण या खाता लॉगिन विवरण जैसी कोई भी संवेदनशील जानकारी प्रदान करने से पहले, ब्राउज़र के एड्रेस बार में ग्रीन लॉक की जांच कर वैध एन्क्रिप्शन प्रमाणपत्र देखें।
- ग्राहक को अपने खाते में किसी भी असामान्य गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित बैंक को संबंधित विवरण के साथ देनी चाहिए ताकि आगे की उचित कार्रवाई की जा सके।