फर्जी फाइनेंस कंपनियों के द्वारा ग्राहकों को बढ़िया ब्याज के फेर में फंसाकर ठगा जाता है। फर्जी फिक्सड डिपॉजिट और ज्यादा ब्याज का लालच देकर पूर्व में कई स्कैम को अंजाम दिया जा चुका है। कई लोग चाहते हैं कि जमा पूंजी को ऐसी जगह पर निवेश किया जाए जहां पर बढ़िया रिटर्न हासिल हो ऐसे में लोग बैंक एफडी न करवारकर किसी नकली कंपनी के फेर में फंसकर रिटर्न तो हासिल नहीं कर पाते लेकिन अपनी मेहनत की मोटी और गाढ़ी कमाई को पलभर में गंवा देते हें।

ग्राहकों को इस तरह की ठगी से बचाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) समय-समय पर अपनी सलाह जारी करता है। शीर्ष बैंक के मुताबिक ज्यादा ब्याज दर की पेशकश वाली स्कीम में निवेश करने से पहले निवेशक यह जांच लेना चाहिए कि ऐसे रिटर्न की पेशकश करने वाली कंपनी वित्तीय क्षेत्र के किसी नियामक के पास पंजीकृत है या नहीं। इसके अलावा जमाराशि या अन्य रूप में धन स्वीकार करने के लिए अधिकृत हो।

अगर निवेश पर पेश की जाने वाली ब्याज दर या रिटर्न की दर ज्यादा हो तो निवेशकों को हमेशा ऐसे मामलों में सावधान हो जाना चाहिए। जब तक धन ग्रहण करने वाली कंपनी वादा किए गए रिटर्न से अधिक कमा पाने में सक्षम नहीं होगी, वह निवेशक को वादा किया गया रिटर्न नहीं दे सकेगी।

ज्यादा रिटर्न पाने के लिए कंपनी को अपने निवेश पर अधिक जोखिम उठाना होगा। अगर जोखिम ज्यादा होगा तो निवेश पर प्रत्याशित रिटर्न अटकलों पर आधारित होगा और ऐसे में कंपनी के लिए वादा किया गया रिटर्न चुका पाना संभव नहीं होगा। ऐसे में पहले से ही सतर्क रहे कि ज्यादा ब्याज दर की पेशकश वाली योजनाओं में पैसा डूबने की संभावना अधिक होती है।