Cyber fraudster duped an Indian Air Force officer via UPI: यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) का इस्तेमाल कर मोबाइल प्लेटफॉर्म से किसी दूसरे बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं। यह सुरक्षा के लिहाज से एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म माना जाता है लेकिन साइबर ठग किसी न किसी तरीके से लोगों को  इसके जरिए ठग रहे हैं। ज्यादात्तर मामलों में ठगी का शिकार हुए लोगों की ही लापरवाही सामने आती है। ताजा मामला वायुसेना के अधिकारी से जुड़ा है।

ठग ने उन्हें अपने जाल और बातों में ऐसा फंसाया कि वह देखते ही देखते 75 हजार रुपये गंवा बैठें। दरअसल अधिकारी अपना एक पुराना फर्नीचर किसी ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट के जरिए बेच रहे थे। ठग ने सीआईएसएफ अधिकारी बनकर फर्नीचर खरीदने की दिलचस्पी दिखाई और कहा कि वह राजस्थान के किसी गांव में रहता है इसलिए कैश न देकर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर सकता है।

ज्यादात्तर फ्रॉड की तरह इसमें भी ठग ने यूपीआई ऑनलाइन पेमेंट करने की बात कही। इसके बाद ठग ने अधिकारी को एक यूपीआई लिंक भेजा और ‘Request money’ के जरिए पैसे भेजने की जगह उल्टा पैसों की मांग कर दी। खास बात यह है कि वायुसेना के अधिकारी ने इस एसएमएस को ध्यान से नहीं पढ़ा और देखते ही देखते उनके खाते से पैसे निकाल लिए गए। यहां ठग ने फ्रॉड कॉलर मर्चेंट अकाउंट का इस्‍तेमाल किया और अकाउंट से डेबिट के लिए ओटीपी जेनरेट किया।

ऐसे में अगर आप इस तरह की ठगी से बचना चाहते हैं तो कभी भी ऐसे किसी लिंक पर आंख बंद कर भरोसा न करें वहीं अपने ओटीपी को किसी के साथ साझा न करें। ध्यान रहे ओटीपी की मांग तभी की जाती है जब आप किसी को पैसे ट्रांसफर कर रहे हों। ओटीपी तब कतई जनरेट नहीं होता जब आपको कोई पैसा भेज रहा हो। ऐसे में इस बात का ख्याल रखें के ओटीपी और यूपीआई पिन को कभी के साथ साझा न करें।