7th Pay Commission, 7th CPC Latest News, Government Employees: भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलिफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के दफ्तर स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। एक साल पहले सरकार के स्वामित्व वाली इन कंपनियों के कर्मचारियों के लिए आकर्षक वॉलिंटरी रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) पेश की गई थी। इस स्कीम के तहत 93 हजार कर्मचारियों ने वीआरएस ली थी। लेकिन अब दोनों ही कंपनियां स्टाफ की कमी से जूझ रही हैं।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक इस समस्या से निपटने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ टेलेकम्यूनिकेशन (डीओटी) के कई संबंधित अलग-अलग फील्ड और अटैच ऑफिस की ओर से टेलिकॉम मिनिस्ट्री को पत्र लिखकर अवगत करवाया है। पत्र में कहा गया है कि वीआरएस लेने वाले कुछ कर्मचारियों को कंस्लटेंट के रूप में फिर से हायर किए जाने की जरूरत है।
7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! सरकार ने लिया ये फैसला
डीओटी में कार्यरत एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक दूरसंचार विभाग मुख्यालय इस पूरे मामले की समीक्षा कर रहा है। ऐसे में तब तक अलग-अलग फील्ड और अटैच ऑफिस द्वारा वीआरएस पाए कर्मचारियों को कंस्लटेंट के रूप में फिर से हायर करने के विचार पर रोक लगाई जाए। जब मामले में कोई निर्णल लिया जाएगा तो इसपर गाइडलाइन भी जारी की जाएंगी।
बता दें कि बीएसएनएल और एमटीएनएल कर्मचारियों के लिए वीआरएस स्कीम को केंद्र सरकार द्वारा अक्टूबर 2019 में कंपनी के पुनर्गठन और रिवाइवल प्लान के तहत लागू किया गया था। सरकार ने अक्टूबर 2019 में घाटे में चल रही इन दोनों कंपनियों को पटरी पर लाने के लिए इसकी मंजूरी दी थी। इसमें वीआरएस स्कीम भी शामिल थी।