कोरोना संकट के बीच मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को एलटीए क्लेम पर बड़ी राहत दी है। सरकार ने फैसला लिया है कि अब कर्मचारियों को एलटीए के लिए आवेदन करते हुए बोर्डिंग पास देने की जरूरत नहीं। इस फैसले के बाद कर्मचारियों को सेल्फ डिक्लयरेशन देना होगा और इसके बाद उन्हें एलटीए का पैसा मिल जाएगा। इससे पहले एलटीए क्लेम के साथ कर्मचारी को बोर्डिंग पास देना होता था जिसके बाद ही यह क्लेम स्वीकार किया जाता था।
डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडीचर ने 23 जून 2020 को जारी ऑफिस मेमोरैंडम में इस सिलसिल में जानकारी साझा की है। वित्त मंत्रालय के अंतर्गत डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडीचर ने बताया कि कर्मचारियों की तरफ से लंबे समय से मांग की जा रही थी कि एलटीए के साथ बोर्डिंग पास अटैच करने की शर्त को हटाया जाए।
ऐसे में हमने इस शर्त को हटाते हुए सेल्फ डिक्लयरेशन फॉर्म की व्यवस्था लागू की है। बता दें कि एलटीए कर्मचारी के सीटीसी का हिस्सा होता है। इस भत्ते को लीव ट्रैवल कनसेशन भी कहते है। देश में कहीं भी यात्रा करने पर यह क्लेम लिया जा सकता है।
बॉर्डर से सटे एरिया में सड़क बनाने के काम में लगे कर्मचारियों को भी मोदी सरकार ने बड़ी सौगात दी है। इन सीमावर्ती इलाकों में काम कर रहे कर्मचारियों के वेतन में 100-170 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है। ये बढ़ोत्तरी उन कर्मचारियों के लिए की गई है जो कि सड़कों के निर्माण में लगे हुए हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने इन कर्मचारियों को जोखिम भत्ता देने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले का असर लद्दाख सेक्टर में काम कर रहे कर्मचारियों पर सबसे ज्यादा होगा। कर्मचारियों की सैलरी में भारी बढ़ोत्तरी होगी।