पंजाब सरकार ने नई भर्ती केंद्र सरकार के वेतनमान पर करने का फैसला किया है। सरकार ने कहा है कि नई भर्तियों को सैलरी कम ही मिलेगी। सरकार ने कहा है कि नए भर्ती होने वाले कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सेंट्रल पे स्केल के मुताबिक सैलरी नहीं दी जाएगी।

सभी विभागों के प्रमुखों को नए पे स्केल को लेकर जारी किए गए नियमों की सूचना एक पत्र के जरिए कर दी गई है। सरकार के इस फैसले की विपक्ष ने कड़ी निंदा की है। शिरोमणि अकाली दल ने इसे सरकार का दुर्भाग्यपूर्ण फैसला करार दिया है।

शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता एनके शर्मा ने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के समकक्ष ही वेतनमान मिलेना चाहिए, लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार कुछ पैसों को बचाने के नाम पर नए भर्तियों को इस फायदे से वंचित करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल सरकार के इश कर्मचारी विरोधी फैसले का विरोध करेगा, क्योंकि ये नए भर्ती हुए कर्मचारियों के हितों को सीधे नुकसान पहुंचा रहा है। एनके शर्मा ने कहा कि सरकार को पहले मंत्रियों और विधायकों पर खर्च पर अंकुश लगाना चाहिए।

आम आदमी पार्टी (AAP) ने राज्य सरकार द्वारा नए सरकारी कर्मचारियों के लिए केंद्रीय वेतनमान लागू करने के फैसले को ‘कर्मचारी-विरोधी’ करार दिया है। आप विधायक अमन अरोड़ा ने सरकार से आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की। सरकार के इस फैसले के बाद अलग-अलग एसोसिएशन में भी नाराजगी नजर आ रही है। एसोसिएशन का कहना है कि सरकार ने इस फैसले के साथ ही अन्य कर्मचारियों के साथ धोखा किया है।