कोरोना संकट के चलते केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन वृद्धि स्थगित करने का मोदी सरकार का कोई प्रस्ताव नहीं है। सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को पूरी तरह से गलत बताया है जिसमें डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग (डीओपीएटी) का हवाला देते हुए एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि केंद्र सरकार ने अगले साल तक वेतन वृद्धि को स्थगित कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय कर्मचारियों को वेतन वृद्धि के लिए मार्च, 2021 तक इंतजार करना होगा। सरकारी फैक्ट चेकर PIB फैक्ट चेक के मुताबिक यह खबर पूरी तरह से निराधार है और इसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं।
PIB फैक्ट चेक के ट्वीट के मुताबिक ‘ सरकार का आदेश वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) पूरा करने और समयसीमा विस्तार से संबंधित है वेतन वृद्धि से नहीं। मीडिया रिपोर्ट में गलत तथ्यों की व्याख्या की गई है। केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन वृद्धि स्थगित करने का मोदी सरकार का कोई प्रस्ताव नहीं है।’
वहीं इससे पहले सरकार ने एक न्यूज रिपोर्ट में किए गए उसे दावे को भी खारिज किया था जिसमें कहा गया था कि 5 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की तैयारी कर रही है। ये एक फेक न्यूज है। सरकारी फैक्ट चेकर PIB फैक्ट चेक कहा था कि सरकार ऐसे किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है। इस तरह की खबरों से सावधान रहें। PIB फैक्ट चेक के जरिए ही यह जानकारी दी गई थी।
बता दें कि कोरोना संकट के चलते केंद्र ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्तों (DA) पर कैंची चलाई है। इस फैसले के बाद इस बात की चर्चा थी कि सरकार कर्मचारियों की शिफ्ट को 10 घंटे करने जा रही है। सरकार ने इस अफवाह करार देते हुए साफ किया था कि ऐसा कोई भी फैसलान हीं लिया गया है। सरकारी फैक्ट चेकर पीआईबी फैक्ट चेक ने एक ट्वीट के जरिए ही जानकारी दी थी।