जम्मू एंड कश्मीर बैंक के 2800 कर्मचारियों को गुरुवार को बकाया वेतन जारी कर दिया गया। इन कर्मचारियों का वेतन जम्मू-कश्मीर कोर्ट के आदेश पर जारी किया गया है। दरअसल एंटी करप्शन श्रीनगर की ट्रायल कोर्ट द्वारा इन बैंक कर्मचारियों का वेतन रोकने के निर्देश जारी किए गए थे। ट्रायल कोर्ट के इस निर्देश को जम्मू-कश्मीर बैंक कर्मचारी संघ ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

2800 अवैध नियुक्तियों के मामले में जेएंडके बैंक विवादों में हैं लेकिन फिलहाल हाई कोर्ट के फैसले से कर्मचारियों को राहत मिली है। आरोप है कि वर्ष 2011 में जेएंड के बैंक के अधिकारियों ने मिलीभगत कर 2800 अवैध नियुक्तियां कीं। मामले में एफआईआर भी दर्ज की गई है जिसमें कहा गया है कि बैंक के टॉप अधिकारी इस पूरे प्रकरण में शामिल हैं।

इन अधिकारियों ने अवैध नियुक्तियों में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सीधी और सक्रिय भूमिका निभाई है। आरोप है कि बैंकिंग सहयोगियों परिवीक्षाधीन अधिकारियों (250) के पदों पर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। एंटी करप्शन श्रीनगर की ट्रायल कोर्ट में स्पेशल जज एंटी करप्शन कश्मीर आरएन वट्टल ने पूरे मामले की सुनवाई कर इन आरोपों को सही पाया था। उन्होंने माना है कि पद का दुरपयोग किया गया है।

योग्य उम्मीदवार को दरकिनार कर अयोग्य उम्मीदवार को भर्ती कर लिया गया है। बहरहाल जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने फिलहार कर्मचारियों को वेतन जारी करने का निर्देश देकर राहत दी है मगर आने वाले कुछ दिनों में इस मामले स्थिति पूरी तरह से साफ होगी।