कारोना महामारी की वजह से आर्थिक गतिविधियों के बाधित होने की वजह से कई राज्य सरकार योजनाओं के बजट में कटौती करके राजस्व की कमी को पूरा करने में लगी हुई हैं। इसके बावजूद कर्नाटक विधानसभा में राज्य सरकार ने दो विधेयक पारित कराकर मुख्यमंत्री, विधायकों, एमएलसी, मत्रियों, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन में भारी बढ़ोतरी की है। सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी ने विधानसभा में हंगामे के बावजूद माननीयों के वेतन में बढ़ोतरी के लिए विधेयकों को पारित करा लिया।
दरअसल कर्नाटक विधानसभा में राज्य सरकार के मंत्री केएस ईश्ररप्पा के राष्ट्रीय ध्वज पर दिए गए बयान को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस के द्वारा बर्खास्त किए जाने की मांग को लेकर बीते 5 दिनों से हंगामा किया जा रहा है। इसके चलते विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र की अवधि को भी कम कर दिया। लेकिन इस सबके बीच राज्य सरकार ने माननीयों के वेतन बढ़ाने वाले दो विधेयकों को विधानसभा में पारित करा लिया।
पारित विधेयकों के अनुसार वेतन – भत्तों में होगा ये बदलाव – राज्य सरकार के द्वारा पारित कराए गए विधेयकों के अनुसार वेतन-भत्तों में होने वाली बढ़ोतरी से राज्य सरकार पर प्रति वर्ष 92 करोड़ 40 लाख रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा। पारित विधेयकों के अनुसार मुख्यमंत्री के वेतन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये प्रति महीने और मंत्रियों के वेतन को बढ़ाकर 40 हजार से 60 हजार रुपये कर दिया गया है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री और मंत्रियों के भत्तों की राशि 3 लाख रुपये से बढ़कार 4 लाख रुपये सालाना कर दी गई है। जिसमें मंत्रियों को किराया भत्ता के तौर पर 80 हजार के वजय अब 1 लाख 20 हजार रुपये हर महीने मिलेंगे। साथ ही आवास के रखरखाव के लिए 20 हजार रुपये की वजय 30 हजार रुपये महीना मिलेंगे और पेट्रोल खर्च को बढ़कार हर महीने 2 हजार लीटर कर दिया गया है।
विधायकों और एमएलसी का मासिक वेतन 25,000 से बढ़ाकर 40 हजार रुपये हर महीने कर दिया जाएगा। साथ ही एक कार्यकाल पूरा करने वाले विधायकों को पेंशन के तौर पर अब 50 हजार रुपये महीना दिए जाया करेंगे। अगर किसी विधायक ने 5 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है तो उन्हें पूर्ण कार्यकाल के लिए 5 हजार रुपये हर महीने अतिरिक्त पेंशन दी जाएगी। जो कि अधिकत 1 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होगी।