पटना हाई कोर्ट ने बुधवार को फर्जी शिक्षकों के मामले में सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने नियोजित शिक्षकों पर सख्त दिखाते हुए डिग्री जांच में किसी तरह की ढील ने दिए जाने की चेतावनी दी है। कोर्ट ने इसके साथ ही शिक्षकों से को सख्त चेतावनी दी है कि नहीं तो वेतन रुकवा दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा है कि जो शिक्षक सर्टिफिकेट जांच में कोताही बरतेंगे उनका वेतन फरवरी 2021 से रोक दिया जाएगा।

कोर्ट ने फर्जी और अमान्य सर्टिफिकेट की निगरानी जांच में तेजी लाने के लिए कहा है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति अनिल कुमार सिन्हा की खंडपीठ ने रंजीत पंडित की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की।

खंडपीठ ने कहा है कि इस पूरे मामले में जांच धीमी है जिस वजह से फर्जी शिक्षक अपने पद पर लगातार बने हुए हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को 2 हफ्ते की मोहलत दी है और पूरे ब्यौरे के साथ पेश होने के लिए कहा है। बता दें कि 2006 से 2010 तक 3,50000 शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, और इनमें से 1 लाख 3 हजार 917 नियोजित शिक्षकों के दस्तावेज ही नहीं मिल सके हैं।

केंद्रीय कर्मियों को जल्द मिल सकती है ये खुशखबरी: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को जल्द ही महंगाई भत्ते (डीए) पर राहत मिल सकती है। कोरोना संकट के चलते पुरानी दर (17 फीसदी) पर डीए की व्यवस्था इस साल जून 2021 तक लागू है। ऐसे में इस डेडलाइन के बाद कर्मचारियों को बढ़ा हुआ डीए मिल सकता है।

बीते साल मार्चे में सरकार ने फैसला लिया था कि कर्मचारियों को 21 फीसदी (मौजूदा दर) की बजाय 17 फीसदी ही डीए का भुगतान किया जाएगा। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी पर पिछले साल कोविड संकट से पैदा हुई वित्तीय मुश्किलों को देखते हुए रोक लगा दी गई थी।

सरकार ने फैसला लिया था कि अगले डेढ़ साल यानी जून 2021 तक डीए पर यही व्यवस्था लागू रहेगी। कोरोना संकट के चलते डीए पर निराशा झेल रहे 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को सैलरी और 65 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को जल्द पेंशन बढ़कर मिलने लगेगी। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मानें तो डीए में चार फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। यह बढ़ोत्तरी जनवरी में ही संभव मानी जा रही है।

सरकार साल में दो बार महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी करती है। महंगाई बढ़ने के बाद कर्मचारियों के रहन सहन के स्तर पर प्रभाव न हो इस वजह से महंगाई भत्ता दिया जाता है।

बता दें कि सरकार ने बीते हफ्ते ड्यूटी के दौरान अपंग होने पर सरकारी कर्मचारियों को ‘विकलांगता मुआवजा’ देने का एलान किया है। सरकार ने यह मुआवजा केंद्र सरकार के उन सभी सेवारत कर्मचारियों के लिए विस्तारित कर दिया गया है जो ड्यूटी के दौरान अपंग हो जाते हैं और उन्हें ऐसी अपंगता के बावजूद सेवा में बरकरार रखा जाता है।