कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र के राज्य परिवहन महामंडल के हजारों कर्मचारियों को बकाया वेतन मिलने जा रहा है। सरकार ने इसके लिए 550 करोड़ का अनुदान जारी करने का फैसला लिया है। इस रकम से उन कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी जिनका पिछवे डेढ़ महीने से बकाया अटका पड़ा है।

कर्मचारियों को मार्च महीने का 25 प्रतिशत, मई का 50 प्रतिशत और जून महीने का वेतन जुलाई समाप्त होने के बाद भी नहीं दिया गया है। इस फैसले से कर्मचारियों को इन तीनों महीनों का भुग्तान किया जाएगा। दरअसल 23 मार्च से लॉकडाउन के बाद से राज्य परिवहन मंहांडल की सेवा ठप थी। बस डिपों में 18 हजार से ज्यादा बसें खड़ी थीं।

इस वजह से राजस्व बंद हो गया तो कर्मचारियों की सैलरी पर भी कैंची चल पड़ी। लेकिन बीते तीन महीने की लंबी अवधि के दौरान कर्मचारियों को आर्थिक चुनौतियों को सामना करना पड़ा रहा था लेकिन इस फैसले के साथ ही उन्हें राहत मिलेगी। बता दें कि राज्य के परिवहन मंत्री अनिल परब और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के बीच इस मुद्दे के लेकर हुई मीटिंग के बाद ये फैसला लिया गया है।

कोरोना संकट के चलते राज्य सरकारों के राजस्व में कमी देखने को मिली है। इस वजह से राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों के भत्तों और सैलरी में कटौती के फैसले ले चुकी है। वहीं कई विभागों में कर्मचारियों के वेतन अटके हुए हैं जिसके भुगतान की लगातार मांग की जा रही है।

राज्य सरकारों से पहले केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर फैसला लिया था। इसी के बाद से राज्य सरकारों ने कैंची चलाना शुरू किया। हालांकि कई राज्यों में स्थिति में सुधार देखने को मिल रहा है। राज्य कर्मचारियों को इसका फायदा भी मिल रहा है और बकाए का भुगतान किया जा रहा है।