पुलवामा के अवंतीपुरा में 44 CRPF जवानों को मारने वाले फिदायीन हमलावर के पिता ने बड़ा दावा किया है। शुक्रवार को एक समाचार एजेंसी से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके बेटे आदिल अहमद डार को तीन साल पहले सेना ने मारा था, इसके बाद ही उसने आतंकी संगठन से जुड़ने का फैसला कर लिया था। गुरुवार को नेशनल हाईवे पर जा रहे सीआरपीएफ के काफिले से उसने अपनी विस्फोटकों से भरी कार को टक्कर मार दी। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान में पनपने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।

‘तीन साल पुरानी इस घटना ने बदल दिया उसे’: जम्मू-कश्मीर के इस हमले को अब तक का सबसे खतरनाक हमला माना जा रहा है। हमलावर आदिल महज 20 साल का था। वह कश्मीर के लेथीपुरा का रहने वाला था। आदिल के पिता गुलफाम हसन डार का कहना है, ‘हम भी उसी तरह दर्द में हैं जैसे जवानों के परिवार हैं। हमारा बेटा तीन साल पहले उसके दोस्तों के साथ स्कूल जा रहा था तभी उसे जवानों ने रोका और मारपीट कर परेशान किया और उसे पत्थरबाजी का आरोपी बनाया, इससे वह कट्टर बन गया।’

तीन महीने से तलाश रहे थे मां-बापः हमले के बाद आतंकी संगठन की तरफ से एक वीडियो जारी किया गया जिसमें उनके बेटे को सेना के कपड़े पहने हुए, ऑटोमैटिक राइफल ले जाते और अपने प्लान को लेकर पूरी बात बताई। आदिल की मां फहमीदा ने कहा, ‘तीन साल पुरानी उस घटना ने उसके मन में भारतीय जवानों के खिलाफ गुस्सा भर दिया था। हमें नहीं पता था कि उनका बेटा हमला कर देगा। पिछले साल 19 मार्च को वह मजदूरी करने गया था उसके बाद वापस नहीं लौटा। हम तीन महीनों से उसकी तलाश कर रहे थे।’