Indian Railways IRCTC: पायलट प्रोजेक्ट के तहत निजी ऑपरेटर्स को सौंपी गई दिल्ली-लखनऊ एक्सप्रेस के संचालन से जुड़ी एक अच्छी खबर सामने आई है। सबकुछ ठीक रहा तो देश की पहली निजी ट्रेन बनने जा रही दिल्ली-लखनऊ एक्सप्रेस का संचालन सिंतबर में शुरू हो जाएगा और इसमें डायनामिक किराया प्रणाली को लागू किया जाएगा। 64वें नेशनल रेलवे अवॉर्ड फंक्शन में भाग लेने के लिए मुंबई पहुंचे रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा, ‘इस कदम का उद्देश्य रेल परिचालनों में “क्वांटम जंप” लाना था।’ उन्होंने कहा कि रेलवे अन्य क्षेत्रों जैसे उत्पादन इकाइयों निजी कंपनियों के हाथों में सौंपे जाने का भी अध्ययन कर रहा है। यहां क्लिक करके आप रेलवे से जुड़ी सभी जानकारी अपने मोबाइल पर पा सकते हैं।

यादव ने आगे कहा कि इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन लिमिटेड (IRCTC) परिचालन में निजी निवेश को न्योता देकर चाईनीज मॉडल की तर्ज पर काम कर रहा है। बता दें कि हाल में खबरें आई थीं कि भारतीय रेलवे, मंत्रालय के 100 दिनों के एजेंडा के तहत दो ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने की योजना बना रहा है, और इनमें एक दिल्ली-लखनऊ के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस होगी।

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन यादव ने कहा, ‘सारी जिम्मेदारी निजी संचालकों की होगी। अगर ट्रेन में मनोरंजन या अन्य सुविधा मुहैया कराना चाहते हैं… तो करा सकते हैं। मगर ट्रेनों का किराया आईआरसीटीसी द्वारा ही तय किया जाएगा। अगर वो यात्रियों को पाने के ऐसी सुविधा देते हैं या नहीं, यह उनकी जिम्मेदारी है।

जानना चाहिए कि 64वें नेशनल रेलवे अवॉर्ड फंक्शन में दक्षिण-पूर्व रेलवे को गोविंद वल्लभ पंत शील्ड पुरस्कार से मिला है। चेयमैन यादव ने यह पुरस्कार जीएम दक्षिण-पूर्व रेलवे के ललित चंद्र त्रिवेदी को दिया। इसके अलावा दक्षिण-पूर्व रेलवे को सिग्नल और टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग शील्ड और सिविल इंजीनियरिंग कंस्ट्रेक्शन शील्ड भी प्रदान किया गया।

दूसरी तरफ व्यक्तिगत पुरस्कार आद्रा डिवीजन के एस विश्वास, दक्षिण-पूर्व रेलवे मुख्यालय के इंद्रनील मुखर्जी, आद्रा के कमल मुस्तफा, चक्रधरपुर डिवीजन के सौरभ राज व चंद्रपुरा डिवीजन के संतोष कुमार मलिक को दिया गया।