पिछले कुछ समय से कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ सोशल मीडिया में छाए हुए हैं। दरअसल हाल ही में एक डिबेट शो में उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा से 5 ट्रिलियन में कितने जीरो होते हैं पूछकर उन्हें चुप करा दिया था। इस डिबेट शो का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ था। लोग कहने लगे थे कि टीवी डिबेट में भाजपा के लोगों से निपटने के लिए कांग्रेस के हाथ गौरव वल्लभ नाम का ब्रह्मास्त्र लग गया है। कुछ यूजर्स तो ये तक कहने लगे थे कि गौरव वल्लभ संबित पात्रा का न्यूज डिबेट में आना बंद करवा देंगे। अब गौरव वल्लभ ने खुद इस बात से पर्दा उठाया है कि आखिर उन्होंने संबित पात्रा से 5 ट्रिलियन में कितने जीरो वाला सवाल क्यों पूछा था।

गौरव वल्लभ ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया है। ये वीडियो न्यूज 1 इंडिया को दिए उनके इंटरव्यू के एक छोटे से अंश का है। इस वीडियो क्लिप में वह बता रहे हैं कि आखिर किस मकसद से उन्होंने वो सवाल पूछा था। गौरव वल्लभ बता रहे हैं कि, ‘मैं जब क्लास लेता हूं तो बीच-बीच में सवाल पूछता रहता हूं। ये सवाल किसी का आईक्यू चेक करने के लिए नहीं होते हैं। ये सिर्फ ये जानने के लिए होता है कि वो क्लास में कितना गंभीर है।’

गौरव वल्लभ आगे कहते हैं कि, ‘मैंने संबित पात्रा से इसलिए वो सवाल पूछा था क्योंकि मैं देश की मंदी को लेकर परेशान था। लोगों की जाती नौकरियों को लेकर चिंतित था। इस पर सामने वाला कहने लगा कि आप चिंता ना करें देश तो 5 ट्रिलियन पर पहुंच रहा है। ये बात मुझे बहुत खराब लगी।’

‘मैं बस लोगों को दिखाना चाहता था कि जो शख्स 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी की बात कर रहा है वो इसको लेकर कितना गंभीर है। इसलिए उनसे पूछा कि पहले ये ही बता दीजिए कि 5 ट्रिलियन में कितने जीरो होते हैं।’

गौरव वल्लभ ने आगे ये भी कहा कि, ‘मुझे मौका नहीं मिला नहीं तो मैं ये भी पूछता कि अभी कितने ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है और 5 ट्रिलियन तक पहुंचने के लिए कितनी विकास दर चाहिए।’

 

बता दें कि गौरव वल्लभ साल 2003 से 2017 तक XLRI जमशेदपुर में प्रोफेसर रह चुके हैं। पिछले दो सालों से वह ICAI के डायरेक्टर थे और कई कॉलेजों में बतौर गेस्ट लेक्चर पढ़ाते थे। 2003 में वह आरबीआई के थिंक-टैंक के तौर पर भी काम कर चुके हैं।

गौरव वल्लभ की शिक्षा की बात करें तो उन्होंने अजमेर विश्वविद्यालय से बीकॉम और एमकॉम किया। वह यहां से गोल्ड मेडलिस्ट रहे। उन्होंने क्रेडिट रिस्क मैनेजमेंट में पीएचडी, सीए, सीएस, एलएलबी की भी डिग्री हासिल की है।