उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले (UP Basti) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दिखाई दे रहा है कि बिना किसी पार्टीशन और दरवाजे के चार टॉयलेट सीटें लगा दी गईं हैं। इस अनोखे टॉयलेट का वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर खिंचाई की है। हालांकि अब इस मामले पर अब अधिकारियों की सफाई भी सामने आई है।
उत्तर प्रदेश के बस्ती का है पूरा मामला
मामला उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के रुधौली विकास खण्ड के ग्राम पंचायत धंसा का बताया जा रहा है, जहां सामुदायिक शौचालय (Community Toilet) में बिना किसी पार्टीशन के चार-चार टॉयलेट सीटें लगा दी गईं हैं। जिससे सरकार और प्रशासन की जमकर खिंचाई की जा रही है। वही सीडीओ राजेश प्रजापति ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बच्चों के लिए 39 किड्स टॉयलेट बनाए गए हैं। इसमें एक की जगह 2-2 और 4-4 पॉट लगाए गए हैं। मामले की जांच की जा रही है।
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने ऐसी दी प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर लोग इस मामले पर अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। @dk51418 यूजर ने लिखा कि सबका साथ, एक साथ चारों कमोडों का विकास ,आम जनता का सत्यानाश।” अब तक ऐसा काम करने वाले ठेकेदार और ठेका देने वाले अफसर खुले में घूम रहे हैं क्या? भ्रष्टाचार के खिलाफ लडा़ई मे यूपी सरकार(UP Gov.) की भूमिका महाभारत के धृतराषट्र वाली हो गयी। कांग्रेस नेता नेटा डिसूजा (Congress leader Netta D’souza) ने लिखा कि वाह! क्या दूरदर्शिता है डबल इंजन वाली सरकार का। एक साथ 2 टॉयलेट की अपार सफलता के बाद, अब एक साथ 4 टॉयलेट वो भी बिना दरवाजे के। इसे ही तो कहते हैं “सबका साथ सबका विकास”
आजाद समाज पार्टी (Azad Samaj Party) की तरफ से वीडियो शेयर कर लिखा गया कि 3 इंजन वाले बस्ती में चार सीटों वाला शौचालय! ट्रिपल इंजन में विकास की सुनामी, इसीलिए बस्ती में बनी टॉयलेट अनुबी। @navalkant यूजर ने लिखा कि अरे, अलग-अलग बना देते तो सामुदायिक कैसे कहलाता? @laxmikant2019 यूजर ने लिखा कि ऐसा प्रतीत होता है, ये आपातकालीन स्थिति में प्रयोग करने के लिए तैयार किया है। @SAkshyapratap यूजर ने लिखा कि जनसुनवाई में यदि इस मुद्दे को उठाते तो उच्च अधिकारी इसका निस्तारण करके यह लिख देते कि यह प्रधान के विरोधी है, इनका अधिकतर प्रधान से लड़ाई झगड़ा होता रहता है या पारिवारिक विवाद दिखाकर इसका निस्तारण कर देते हैं।
बता दें कि मामला सामने आने के बाद जब इस पर प्रश्न उठने लगे तो अधिकारियों ने कहा कि यह टॉयलेट बच्चों के लिए बनाये गए थे। इसमें सीट वयस्कों वाली लगा दी गई हैं। इस बात की जांच की जा रही है कि क्या यह मानकों के अनुसार ही बना है? जो भी कमियां सामने आएँगी, उसके अनुसार दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी। सवाल यही उठाया जा रहा है कि आखिर इस लापरवाही के बाद भी इस टॉयलेट को किस अधिकारी ने पास कर दिया।