उत्तर प्रदेश के बरेली से चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां के नवाबगंज क्षेत्र के ईंध जागीर गांव स्थित एक सरकारी स्कूल में उस वक्त अफरातफरी मच गई जब स्कूल में सात बच्चे अचानक अपना गला दबाने लगे और जोर-जोर से चिल्लाने लगे। सात बच्चों को एक साथ ऐसा करता देख शिक्षक व अन्य छात्र सकते में आ गए। कुछ तो डरकर भाग गए।

बच्चों के परिजनों को भी सूचित किया गया

हालांकि, शिक्षकों ने तुरंत इस घटना की सूचना डॉक्टर और स्थानीय थाना पुलिस को दी। साथ ही बच्चों के परिजनों को भी सूचित किया गया। सूचना पाकर डॉक्टर और स्थानीय थाना पुलिस के साथ ही ग्राम प्रधान भी मौके पर पहुंचे। हालांकि, स्थिति सामान्य होने के बाद पीड़ित बच्चों ने बताया कि उन्हें एक लंबे नाखून वाली लड़की दिख रही थी। उसने उन्हें नोचा, गला दबाया और फिर खींचकर अपने साथ लेकर जाने लगी।

बच्चों की बात सुनकर वहां मौजूद लोग सकते में आ गए। जबकि स्कूल पहुंचे डॉक्टर ने कहा कि सर्दी या मानसिक तनाव के कारण ऐसा हो सकता है। बच्चे स्वस्थ हैं, उन्हें कोई बीमारी नहीं है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दोपहर करीब 2.30 बजे शबनूर नाम की छात्रा अपना गला दबाने लगी। ये देख सभी संभल ही रहे थे कि और 6 अन्य बच्चे भी ऐसा ही करने लगे। ये देख क्लास के अन्य बच्चे भाग गए। हालांकि, मौके पर पहुंचे डॉक्टरों ने कहा कि बच्चों में किसी भी तरह की बीमारी के लक्षण नहीं दिखे हैं। सामूहिक डर के कारण बच्चों के ऐसी हरकतें करने की संभावना है।

खाने में सब्जी और चावल खाया था

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि ये सारी घटना छुट्टी के वक्त हुई। बच्चों को महसूस हुआ कि कोई लंबे नाखून वाली लड़की उनके पास आई और उनका गला दबाने लगी। इस घटना से पहले बच्चों ने खाने में आलू और टमाटर की सब्जी और चावल खाया था। लेकिन खाना खाने के बाद वे सभी सामान्य थे। किसी ने खाने में कोई शिकायत नहीं की थी।

पूरी घटना के संबंध में डॉक्टर ने कहा कि इस तरह की घटनाओं को मनोविज्ञन में सामूहिक हिस्टीरिया कहते हैं। इस स्थिति में जब एक व्यक्ति किसी डर या घबराहट को अनुभव करता है, तो उसके आसपास के लोग भी उसी डर को महसूस करने लगते हैं।

गौरतलब है कि बीते महीने तेलंगाना के पेड्डापल्ली जिले के एक रेसिडेंशियल स्कूल की 30 छात्राओं को अचानक बीमार पड़ने के बाद होस्पिटल ले जाया गया था। पढ़ें पूरी खबर…