असम में एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स) का ड्राफ्ट जारी होने के बाद से ही विपक्ष द्वारा केंद्र पर जमकर निशाना साधा जा रहा है। टीएमसी और कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां इस ड्राफ्ट का विरोध कर रही हैं। एनआरसी विवाद पर इस वक्त न्यूज़ चैनल से लेकर सोशल मीडिया पर हर जगह बहस हो रही है। जी न्यूज़ में भी इस मुद्दे पर लाइव डिबेट का आयोजन किया गया, जहां विभिन्न पार्टियों का मत रखने के लिए नेता और प्रवक्ता को आमंत्रित किया गया। इस बहस में केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने भी एनआरसी को लेकर बात कही। उन्होंने कहा कि विपक्ष कब तक वोट के लिए विदेशियों को सीमाएं लांघकर आने की अनुमति देता रहेगा?

महेश शर्मा से सवाल किया गया कि विपक्ष एनआरसी को लेकर आरोप लगा रहा है कि सुपर इमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं देश में, सांसदों से बदसलूकी की जा रही है, सिल्चर एयरपोर्ट पर टीएमसी के सांसद और विधायकों को हिरासत में रखा गया, एक तरह का भय और डर का माहौल है, इस पर उनका क्या कहना है। इसके जवाब में महेश शर्मा ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि आज मानवाधिकार और मानवहित जैसे सारे विषयों को छोड़कर राष्ट्र हित को पीछे रख दिया जाएगा और उसके लिए बहाने ढूंढे जाएंगे कि मुझे एयरपोर्ट पर रोका गया, बहाने ढूंढे जाएंगे कि मैं 10 साल रहा, सीधे कहा है गृह मंत्री राजनाध सिंह जी ने कि अगर किसी का नाम इस ड्राफ्ट लिस्ट में छूट गया है तो उसके पास मौका है अपनी बात कहने का।’

उन्होंने आगे कहा, ‘मैं पूछना चाहता हूं कि वो कौन सी ताकतें हैं जो इस हित में है कि जो अपने वोटर की संख्या बढ़ाने के लिए आखिरकार कब तक विदेशी लोगों को अपने देश के अंदर हम आने देते रहेंगे? उनसे कब तक राजनीतिक हित साधते रहेंगे? यह कौन-सा राष्ट्रवाद है, ये कौन सी ताकतें हैं जो इस विषय में इतना साध दे रही हैं। क्या ये सिद्ध नहीं हुआ है कि रोहिंग्या मुसलमान देश के लिए खतरा हैं?’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विदेश से आ रहे लोग देश के लोगों के हित के लिए खतरा हैं।