केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास राज्य मंत्री कौशल किशोर (Union Minister of State for Housing and Urban Development Kaushal Kishore) ने एक ट्वीट कर कहा है कि मैं सांसद हूं, मेरी पत्नी विधायक रही हैं लेकिन इसके बावजूद मैं अपने बेटे को नशे से नहीं बचा पाया। अब मैं देश में नशामुक्ति अभियान (De-addiction Campaign) शुरू करना चाहता हूं जो लोग भी उनसे जुड़ना चाहते हैं, जुड़ सकते हैं। बता दें कि कौशल किशोर (Kaushal Kishore) के बेटे की जान साल 2020 में चली गई थी। हाल ही एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे कौशल किशोर (Kaushal Kishore) ने नशे से बेटे की हुई मौत पर अपनी बात भी रखी थी और नशे के खिलाफ अभियान शुरू करने की बात कही है।

केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर (Kaushal Kishore) ने किया ट्वीट

कौशल किशोर (Union Minister Kaushal Kishor) ने ट्वीट किया, ” मैं खुद सांसद हुआ, मेरी पत्नी विधायक होने के बाद भी अपने बेटे की जिंदगी नशे से नहीं बचा पाया लेकिन मैं चाहता हूं कि अब कोई भी मां और पिता अपने बच्चे को नशे के कारण ना खो दे, नशे की वजह से कोई महिला विधवा न हो, कोई बच्चा नशे की वजह से बिन बाप का ना हो। नशे की वजह से कोई बहन अपने भाई को न खो दे और नशे की वजह से किसी के भी पारिवारिक सदस्य की मौत ना हो इसलिए मैं “नशा मुक्त समाज आंदोलन अभियान कौशल का” के माध्यम से पूरे देश को जागरूक कर नशामुक्त भारत बनाना चाहता हूं।”

सोशल मीडिया पर यूजर्स ने दिए ऐसे रिएक्शन

कौशल किशोर के इस ट्वीट पर कई लोग उनका साथ देने की बात कर रहे हैं तो कई लोगों का कहना है कि सरकार आपकी है, तो नशे पर लगाम लगाने में दिक्कत क्या है? @bhabha_bharat यूजर ने लिखा कि आप सांसद और आपकी पत्नी विधायक हैं, दोनों जगह आपकी सरकार है। क्या ऐसा नहीं हो सकता कि तंबाकू और ड्रग्स की बिक्री पर काबू करने के बजाय इनके उत्पादन पर अंकुश लगाया जाए? @qamarkhan88 यूजर ने लिखा कि भारत के कुछ राज्यों, बिहार और गुजरात मे शराब पर पूरी तरह प्रतिबंध है, बिहार में तो लाखों लोग जेल भेजे जा चुके हैं लेकिन शराब पीना और शराब बेचना लोगों ने नहीं छोड़ा इसलिए नशाबंदी कामयाब होगी ही नहीं!

@si87634441 यूजर ने लिखा कि नशे के कारोबार से सरकार बनती है, शराब की बोतल बांटने से वोट मिलते है… सरकार नशा को होम डिलेवरी करवाने के प्लान में है और आप नशामुक्त की बात करते हो? @SonuYad80056522 यूजर ने लिखा कि सर आंदोलन क्यों? नोटबंदी हो सकती है बिना किसी को बताए तो नशाबंदी क्यों नहीं? @dwivedi_rajnish यूजर ने लिखा कि बुरा मत मानियेगा सांसद महोदय, बच्चे को संभालने के लिए सांसद, विधायक बनने की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि मां-बाप बनना पड़ता है। आपका दुख बड़ा है, मुझे सहानुभूति है लेकिन सरकारी कमियों से मरने वाले लोग भी किसी के परिवार से ही होते हैं।

बता दें कि कौशल किशोर (BJP MP Kaushal Kishore) ने बताया कि उनके बेटे (Kaushal Kishore Son) को भी नशे की लत लग गई थी और कब लग गई ये उन्हें भी पता नहीं चला। उसका लीवर खराब हो गया और साल 2020 में उसकी मौत हो गई। कौशल किशोर ने बताया कि उसकी चिता को आग देते वक्त ही उन्होंने ठान लिया था कि नशा मुक्ति अभियान चलाएंगे और यह संकल्प लिया था कि वह अपना बच्चा तो नहीं बचा सके लेकिन दूसरों के बच्चे नशे से बच सकें, इसका अभियान शुरू करेंगे। इतना ही नहीं, कौशल किशोर ने उमा भारती द्वारा चलाये जा रहे नशा विरोधी अभियान की तारीफ भी की थी।