Jammu and Kashmir Pulwama’s Awantipora Terror Attack: जम्मू-कश्मीर में फिदायीन आतंकी हमले में शहीद हुए 40 जवानों को लेकर देश की जनता में काफी रोष है। हालांकि, इस दौरान राजनेताओं की राजनीतिक टिप्पणियां भी विवाद का रूप पकड़ रही हैं। जनता ऐसी टिप्पणियों के खिलाफ जमकर अपना गुस्सा जाहिर कर रही है। गुरुवार को हमले के बाद सोशल मीडिया पर जनता उस वक्त भड़क गई जब केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने घटना पर राजनीतिक टिप्पणी करते हुए एक ट्वीट किया। रिजीजू के ट्वीट पर लोगों ने उन्हें बहानेबाजी छोड़ वाजिब कार्रवाई की नसीहत दे डाली।
गृह राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने योग गुरू रामदेव के उस ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी जिसमें रामदेव ने कहा था कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इजराइल से सीख लेनी चाहिए। आतंकी देश के भीतर हों या बाहर एक भी बचना नहीं चाहिए। इसके जवाब में रिजीजू ने ट्वीट किया, “आपने सही बोला स्वामी जी। फर्क सिर्फ इतना है कि इजराइल में सभी राजनीतिक पार्टियां आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं लेकिन भारत में अफजल गुरु के समर्थकों की कमी नहीं है। देश ने देखा है कि कौन लोग JNU पहुंच गए थे। लेकिन, हमारी सरकार का इरादा पक्का है। इस समय पूरा देश एकजुट है।”
आपने सही बोला स्वामी जी फर्क सिर्फ इतना है कि इजराइल में सभी राजनीतिक पार्टियां आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है लेकिन भारत में अफजल गुरु के समर्थकों की कमी नहीं है। देश ने देखा है कौन लोग JNU पहुंच गए थे। लेकिन हमारा सरकार का इरादा पक्का है। इस समय पूरा देश एकजुट है। https://t.co/vuHERkp8aQ
— Kiren Rijiju (मोदी का परिवार) (@KirenRijiju) February 14, 2019
रिजीजू के इस ट्वीट के बाद कई लोगों ने उन्हें नसीहतें देनी शुरू कर दी। लोगों ने कहा कि सरकार आपकी है और कार्रवाई के सारे अधिकार आपके हाथ में है। लिहाजा, विपक्ष को कोसना छोड़ वाजिब कार्रवाई कीजिए। अमित द्विवेदी नाम के एक यूजर ने उन्हें ट्वीट करते हुए लिखा, “आप इच्छा शक्ति मजबूत कीजिए, भारत में अफजल समर्थकों की संख्या से कहीं ज्यादा देशभक्त हैं, पर आप ये देखना नहीं चाहते।” वहीं दूसरे यूजर रविंद्र केसरी ने ट्वीट किया, “ऐसे मामलों में विपक्षी पार्टियों को कोसना गलत है सर। सरकार हमारी है हम चाहें तो तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं। राजनीति से ऊपर उठिए और शहीदों को श्रद्धांजलि के रूप में आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारना होगा।” वहीं एक दूसरे यूजन ने लिखा कि ये रोना रोने के लिए ही आपको वोट दिया था क्या?
ऐसे मामले में विपक्षी पार्टी को कोसना गलत है सर सरकार हमारी है हम चाहे तो तुरंत कार्यवाही कर सकते है राजनीति से ऊपर उठये और शहीदों को श्रधांजलि के रूप में आतंकियों को उसको घर घुसकर मरना होगा ।
— Ravindra Keshri (@RavindraKeshri) February 15, 2019
एक दूसरे यूजर मुस्ताक अली ने लिखा, “सर आपको नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। आपको कोई हक नहीं है इस पद पर बने रहने की। देश के सैनिकों के साथ इतना बड़ा हादसा होता है और आपको इतनी फुर्सत मिल गई कि आप इधर ट्विटर पर नूराकुस्ती खेल रहे हैं। शर्म आनी चाहिए आपको”। प्रतीक गुप्ता नाम के यूजर ने ट्वीट किया, “सर यह वक्त पुरानी बातों को याद करने का नहीं है। यह वक्त उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई का है जिन्होंने इस काम को अंजाम दिया है।”
@KiranRijiju जी, प्लीज़, विरोधियों को कोसना बन्द करे, मोदी सरकार को एक्शन लेने के लिए जनता का पूरा समर्थन है, सत्ता आपको जनता के आशीर्वाद से मिला है, विरोधियों की मेहरबानी से नही, जो छाती पीटना चाहे, उन्हे पीटने दो
— SHAMBHUNATH (@SHAMBHUNATH1974) February 15, 2019
गुरुवार (14 फरवरी) को दोपहर बाद जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिला के अवंतीपुरा में आतंकियों ने गाड़ी में सवार सीआरपीएफ के जवानों पर आत्मघाती हमला कर दिया। आतंकियों ने विस्फटकों से भरी एक स्कॉर्पियो गाड़ी जवानों के ट्रक से भिड़ा दी। इस दौरान विस्फोट में 40 जवान शहीद हो गए। घटना के तुरंत बाद देश के सभी राजनीतिक दलों ने इसकी निंदा की और सरकार ने जिम्मेदार आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई की बात कही। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से कहा कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इस हमले के आतंकी आकाओं को इसकी सजा भुगतनी पड़ेगी।
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