अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को हराकर बुधवार को चुनाव जीत लिया।। पूरी दुनिया को चौंकाने वाली उनकी जीत ने आतंकवाद से निपटने, आव्रजन और घरेलू नौकरियों को बचाने पर उनके कड़े रुख के चलते अन्य देशों के साथ अमेरिका के समीकरणों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सत्ता विरोधी लहर पर सवार होकर अमेरिका का 45वां राष्ट्रपति बनने के कड़े मुकाबले में 70 वर्षीय अरबपति ने निर्वाचक मंडल के 289 मत हासिल किए, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी हिलेरी के खाते में 218 मत आए । राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए उम्मीदवार को निर्वाचक मंडल के 538 मतों में से 270 मत हासिल करने की आवश्यकता होती है।

ट्रंप महज 18 महीने पहले ही राजनीति में आए थे। चुनाव प्रचार के दौरान ‘कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद’ पर उनके कड़े रुख और मुसलमानों का आव्रजन रोकने के उनके आह्वान ने मुसलिम जगत में चिंता पैदा कर दी थी। अपने इसी रवैये के चलते एक बड़ा तबका उनको लेकर चिंतित है। ट्विटर पर उनकी जीत को लेकर कई ऐसे पोस्ट और फोटो शेयर की गई जिसमें उनकी तुलना या उन्हें नाजी तानाशाह हिटलर बताया जा रहा है।

ट्रंप के लिए एक समय राष्ट्रपति बनना दूर की कौड़ी समझा जा रहा था। न्यूयॉर्क के अरबपति ट्रंप ने अमेरिका के औसत श्वेत कामकाजी वर्ग के सत्ता प्रतिष्ठान से मोहभंग का लाभ उठाया और आव्रजक विरोधी बयानबाजी के दम पर प्रचार मुहिम आगे बढ़ाई जो चुनाव के लिहाज से सोने की खान साबित हुई। महिलाओं और आव्रजकों पर ट्रंप की टिप्पणियों के कारण कई शीर्ष रिपब्लिकनों ने ट्रंप की आलोचना की थी और प्राइमरी चुनाव में बड़ी जीत के बावजूद कई पार्टी नेताओं ने उन्हें समर्थन देने से इनकार कर दिया था।

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