आधुनिकता और सूचना क्रांति के महिलायें अंतरिक्ष यात्रा पर जा रही हैं। कामयाबी की नित नई परिभाषाएं लिख रही हैं। इन उपलब्धियों के बावजूद आज हमारे देश में माहवारी को लेकर कई तरह की भ्रांतिया हैं। माहवारी में स्वच्छता और सेनेटरी पैड के इस्तेमाल को लेकर चर्चाएं जारी है। स्कूल से निकलने वाली लड़कियां हो या अधेड़ उम्र की महिलायें, माहवारी के दौरान अनुचित देखभाल की वजह से इनके बीच संक्रामक बीमारियों का खतरा अभी भी बना हुआ है। सेनेटरी पैड की अधिक कीमत की वजह से वे इसका इसका इस्तेेमाल नहीं कर पाती। एक ट्विटर यूजर ने ऐसे ही एक अनुभव को शेयर किया है कि वह कैसे पुराने टीशर्ट को पैड की तरह इस्तेमाल करना चाहती थी। यूजर का यह पोस्ट वायरल हो रहा है।
स्वाटकट- द डांसिंग राजपूत के नाम की एक यूजर ने लिखा “जब मैं भारत में रहती थी, मैंने अपना एक पुराना टीशर्ट काम करने वाली दीदी को दिया और कहा कि इसका इस्तेमाल सफाई करने के लिए करें। तब काम करने वाली ने पूछा कि क्या वह इसे रख सकती है? मैंने पूछा कि उसे इसकी क्या जरूरत है क्योंकि मैं जानती थी कि यह वह सिर्फ साडी और सूट पहनती थी। तब उसने कहा कि वह माहवारी के दौरान इसका इस्तेमाल करेगी। वह पहले से जिसका इस्तेमाल कर रही थी, वह काफी पुराना और फटा हुआ था। एक पल के लिए मैं चुप और उदास हो गई। मैंने उससे पूछा कि वह इसके बजाय सैनिटरी पैड का इस्तेेमाल क्यों नहीं करती? उसने कहा कि वह काफी महंगा होता है। इसपर पैसे खर्च करने की जगह उसका इस्तेमाल घर के अन्य कार्यों में कर लेगी। तब मैंने उसे सेनेटरी पैड का एक पैकेट दिया। घर छोड़ने से पहले मैंने अपनी मां से उसे हर महीने पैड देने के लिए कहा। आखिर पैड पर 12 प्रतिशत जीएसटी क्यों लगाया गया है, वहीं मेकअप का सामान जेसे बिंदी, सिंदूर और काजल जैैसे सामान को छूट मिली है। कुछ सरकारी संस्थाएं मुफ्त में पैड उपलब्ध करवा रही है, लेकिन बहुत कुछ करना बांकि है।”
स्वाटकट ने आगे लिखा कि उसने मुझे बताया कि जहां वह रहती है, वहां की अधिकांश महिलाएं पैड की जगह राख, धूल, बालू इत्यादी का इस्तेमाल करती है। एक अध्ययन के मुताबिक भारत में 70 प्रतिशत प्रजनन संबंधी रोग परीयड्स के दौरान साफ-सफाई में कमी की वजह से होती है। इसकी ववजह से मातृ मृत्यु दर भी प्रभावित होता है। ट्विटर यूजर ने अपील किया कि इसे पढ़ने वाले आप सभी लोग अपने आसपास काम करने वाली महिलाओं, घर में काम करने वाली बाई को हर महीने अपनी सैलरी से सेनेटरी पैड देकर मदद करें। इसमें आपको ज्यादा पैसा खर्च नहीं होगा, लेकिन उनकी स्वच्छता और सेहत की सुधार की दिशा में यह बड़ा कदम साबित होगा। आप सभी मात्र 10 मिनट समय निकालकर सेनेटरी पैड के इस्तेमाल के प्रति जागरूक करें। पैड की जगह कपड़े की जगह राख जैसी चीजों का इस्तेमाल करने से उनकी सेहत पर खराब असर पड़ता है, ऐसा बतायें।
