सोशल मीडिया साइट टि्वटर सोमवार (19 नवंबर) को विवादों में आ गया। वजह ये थी कि टि्वटर के सीईओ जैक डोरसे भारत दौरे के दौरान एक राजनीतिक पोस्टर के साथ तस्वीर में दिखे। यह एक सामूहिक फोटो था, जिसमें जैक विभिन्न ग्रुप के लोगों से मिल रहे थे। जिस फोटो के सामने आने के बाद विवाद शुरू हुआ, उसमें दिख रहा है कि जैक पत्रकार, समाजिक कार्यकर्ता सहित अन्य लोगों के खड़े हैं और उनके हाथों में एक पोस्टर है। पोस्टर पर लिखा हुआ है ‘ब्राह्मण पितृसत्ता का नाश हो’। इसके बाद खासकर दक्षिणपंथी यूजर्स भड़क गए और उन्होंने टि्वटर के सीईओ टारगेट करना शुरू दिया। उनके उपर एक जातीय समूह पर हमलावर होने का आरोप लगाया।
During Twitter CEO @jack‘s visit here, he & Twitter’s Legal head @vijaya took part in a round table with some of us women journalists, activists, writers & @TwitterIndia‘s @amritat to discuss the Twitter experience in India. A very insightful, no-words-minced conversation pic.twitter.com/LqtJQEABgV
— Anna MM Vetticad (@annavetticad) November 18, 2018
विवाद बढ़ने के बाद कंपनी को सफाई देनी पड़ी। टि्वटर इंडिया एक अनऑफिशयल बयान जारी करने को मजबूर हो गया। अपने अनऑफिशियल बयान में बताया, “हाल ही में हमने महिला पत्रकारों और कुछ अलग करने वालों के एक समूह के साथ बैठक की ताकि टि्वटर के उपयोग के अनुभवों को समझा जा सके। इनमें से एक दलित कार्यकर्ता थी, जिन्होंने अपने निजी अनुभव साझा किए और जैक को एक पोस्टर गिफ्ट किया।” इसके साथ ही टि्वटर इंडिया ने कहा कि यह टि्वटर का या हमारे सीईओ का बयान नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में हो रही सार्वजनिक बातों के सभी पक्षों को देखने, सुनने और समझने के लिए हमारी कंपनी के प्रयासों का एक नमूना है।
विवाद बढ़ते देख कंपनी की लीगल हेड विजया गड्डे ने कहा, “मुझे इसके लिए बहुत खेद है। हमारे विचार इस तरह के नहीं है। हमें एक उपहार दिया गया था, जिसके साथ हमने एक निजी फोटो लिया था। हमें और अधिक विवेकशील होना चाहिए था। ट्विटर सभी यूजर्स के लिए एक निष्पक्ष मंच होने का प्रयास करता है। हम यहां ऐसा करने में नाकाम रहे। हमें भारत में अपने ग्राहकों की सेवा करने के लिए बेहतर करना होगा।”
I’m very sorry for this. It’s not relective of our views. We took a private photo with a gift just given to us – we should have been more thoughtful. Twitter strives to be an impartial platform for all. We failed to do that here & we must do better to serve our customers in India
— Vijaya Gadde (@vijaya) November 19, 2018
यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक पत्रकार ने जैक के साथ लिए गए ग्रुप फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर किया। तस्वीर को शेयर करते हुए पत्रकार अन्ना एमएम वेट्टीकैड लिखती हैं, “टि्वटर के सीईओ जैक यहां आए। उनके साथ टि्वटर के लीगल हेड विजया गड्डे भी शामिल हुई। महिला पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और लेखकों के साथ राउंड टेबल मीटिंग हुई। भारत में टि्वटर के अनुभवों पर चर्चा हुई।” इसके बाद पूरे दिन भारतीय यूजर्स यह सवाल उठाते रहे कि ग्लोबल सोशल मीडिया साइट के प्रमुख को एक समूह को टारगेट करने वाले पोस्टर पकड़ने की क्या जरूरत पड़ी?