एक टेक कंपनी ने अपनी ह्यूमन रिसोर्स टीम के आधी कर्मचारी जो संस्थान में कार्यबल की बहाली का ध्यान रखते हैं को नौकरी से निकाल दिया। दरअसल, कंपनी डेवलपर्स को बहाल करने को कोशिश कर रही थी। लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था। जब इसके मूल कारण का पता लगाया गया तो पता चला कि एचआर टीम ने नौकरी के लिए आने वाले आवेदनों को फिल्टर करने के लिए एक ऑटोमेटेड सेटिंग कर दी है, जिस कारण बिना मानवीय जांच के ही आवेदन रिजेक्ट हो जा रहे थे।

इस बात का पता तब चला जब उनके खुद के मैनेजर का भी जॉब के लिए किया गया आवेदन रिजेक्ट हो गया। इस संबंध में मैनेजर ने रेडिट पर अनुभव साझा करते हुए लिखा, “एचआर के लिए ऑटो रिजेक्शन सिस्टम मजाक है। तीम महीने में हम एक भी योग्य कैंडिडेट नहीं खोज पाए।”

इंडियन एक्प्रेस के अनुसार मामले की सच्चाई जानने के लिए उक्त मैनेजर ने एक नई इमेल आईडी बनाई और दूसरे नाम से अपनी ही मोडिफाइड रेस्यूमे सेंड की। हालांकि, वो ये देख कर निराश हुए कि उनका भी आवेदन रिजेक्ट हो गया। ऐसे में उन्होंने अधिकारियों को इस बात की जानकारी दी, जिसके बाद आधी एचआर टीम को नौकरी से निकाल दिया गया।

मैनेजर ने बताया, “असलियत में गुस्सा आने वाली बात यह है कि मुझे बार बार ये बताया जा रहा था कि कैंडिडेट पहली स्क्रीनिंग प्रक्रिया में ही पास नहीं हो रहे, जो कि गलत था।”

अब पूरा मामला सोशल मीडिया पर छा गया है। यूजर्स घटना पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोगों ने एचआर टीम को आलसी बताते हुए उनकी आलोचना की। जब की कुछ ने सहानुभूति व्यक्त की। एक यूजर ने लिखा, “इसलिए ऑटोमेटेड सिस्टम पर आदमी से ज्यादा विश्वास नहीं करना चाहिए।” वहीं, दूसरे ने लिखा, “एचआर टीम को सावधान रहना चाहिए था, इससे कंपनी भी की बेइज्जती होती है।”