तमिलनाडु की पूर्व सीएम जयललिता ने 5 दिसंबर को इस दुनिया से अंतिम विदाई ली। तमिलनाडु की अम्मा के जाने से लाखों फॉलोवर्स बुरी तरह से विलाप कर रहे थे। बताया जा रहा है जयललिता की मौत की खबर के बाद से 77 लोगों की मौत हो गई। वह अम्मा के जाने के सदमे को सहन नहीं कर पाए। वहीं, जयललिता के निधन के बाद एक शख्स ने अपनी पुलिस की नौकरी छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने यह फैसला अम्मा के लिए मंदिर बनवाने के लिए लिया है।

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक थानी जिले के ओडापत्ती पुलिस थाने में तैनात 45 साल के आर वेलमुरुगन ने जयललिता की मौत के बात इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने पुलिस अधीक्षक को बताया कि वह अम्मा के लिए मंदिर बनवाएंगे। असल में जब जयललिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया था तब भी वह कासी प्रार्थना करने गए थे। लेकिन भगवान ने उनकी पार्थना नहीं सुनी।

1999 से 2002 के दौरान हेड कॉन्सटेबल मुरुगन जयललिता के पोएस गार्डन स्थित आवास में तैनात रह चुका है। वहीं उसके पिता अम्मा के राजनीतिक गुरु और तमिलनाडु के दिवंगत पूर्व सीएम एमजीआर रामचंद्रन के घर पर तैनात रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि कॉलेज के दिनों से जयललिता मेरी आदर्श थी। मेरा सपना उस समय सच हुआ जब मुझे जयललिता के घर पर सिक्योरिटी गार्ड के रूप में तैनात किया गया। मैं उनकी मुस्कान के लिए हर रोज बेसब्री से इंतजार करता था, जब वह अपने घर से जाया करती थी। पुलिस वाले के घर में बीवी और दो बच्चे हैं, लेकिन फिर भी उसने नौकरी छोड़ने और मंदिर बनाने का फैसला किया है।

गौरतलब है कि जयललिता की मौत के बाद पन्नीर सेल्वम को तमिलनाडु का मुख्यमंत्री बनाया गया है।  अम्मा के जाने बाद पार्टी में घमासान होने की खबरें भी सामने आ रही है। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत की आधिकारिक घोषणा से पहले उनकी सहयोगी शशिकला नटराजन बारी-बारी से एआईएडीएमके के विधायकों को अपोलो अस्पताल बुलाकर सादे कागज पर हस्ताक्षर करा रही थीं। इसके पीछे उनका मकसद खुद मुख्यमंत्री बनना था लेकिन कुछ विधायकों के विरोध करने की वजह से ऐसा नहीं हो सका और आखिरकार ओ पनीरसेल्वम को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा।