देश के मशहूर चुनाव विश्लेषक और स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेन्द्र यादव ने अंग्रेजी न्यूज चैनल टाइम्स नाउ पर मोदी सरकार को बचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर बताया कि बुधवार (24 अक्टूबर) की रात उन्हें सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को जबरन छुट्टी पर भेजे जाने के मामले में होनेवाले न्यूज डिबेट में भाग लेने के लिए बुलाया गया था लेकिन ऐन मौके पर शो की होस्ट नविका कुमार ने डिबेट का मुद्दा बदल दिया। उन्होंने लिखा है, “मुझे बताया गया था कि आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने से कैसे एनडीए की छवि पर बुरा असर पड़ा है, इस पर चर्चा होनी है लेकिन जब स्टूडियो में बैठा तो इसकी जगह आलोक वर्मा के अधीनस्थ अधिकारी ए के शर्मा पर खुलासे होने लगे।” यादव ने इसे पत्रकारिता के नाम पर मजाक करार दिया है। उन्होंने शो के दौरान ही आपत्ति जताई और इसे मजाक करार देते हुए शो छोड़कर निकल गए।

शो छोड़ने से पहले योगेन्द्र यादव ने साफ किया कि आलोक वर्मा की नियुक्ति फरवरी 2017 में हुई थी जबकि विजय माल्या एक साल पहले मार्च 2016 में ही देश छोड़कर फरार हो चुका था। उन्होंने एंकर द्वारा इस मामले में आलोक वर्मा का नाम जोड़े जाने पर एतराज जताया और कहा कि आरोप लगाने से पहले तथ्यों की पड़ताल कर लेनी चाहिए थी। उन्होंने इस तरह की पत्रकारिता को खारिज कर दिया। इसी बीच शो की एंकर नविका कुमार ने योगेन्द्र यादव से कहा कि उन्हें पत्रकारिता पर गर्व है। यादव ने कहा कि आपने शो में बुलाकर मेरे ऊपर कोई उपकार नहीं किया है तो इसके बदले नविका ने भी कहा कि आपने शो में आकर मेरे ऊपर भी कोई उपकार नहीं किया है। इस दौरान शो के दूसरे पैनलिस्ट यह कहते दिखे कि टाइम्स नाउ को योगेन्द्र यादव के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।

यादव के ट्वीट पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने लिखा है कि यह सच हो सकता है कि विजय माल्या के भगाने में आलोक वर्मा का कोई रोल नहीं है लेकिन उनके राइट हैंड एके शर्मा करप्ट हैं और विजय माल्या को भगाने में उनका सीधे तौर पर हाथ है। एक अन्य यूजर ने पत्रकार नविका कुमार को बीजेपी का प्रवक्ता करार देते हुए लिखा है कि इतना चलता है। एक अन्य यूजर ने लिखा है कि इसमें कुछ भी ब्रेकिंग न्यूज नहीं है, जैसा कि नविका कुमार दावा कर रही हैं। बता दें कि सीबीआई में दो शीर्ष अधिकारियों (डायरेक्टर और स्पेशल डायरेक्टर) के बीच टकराव के बाद केंद्र सरकार ने मामले में दखल दिया है और दोनों अफसरों आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को जबरन छुट्टी पर भेज दिया है और एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाया है। इस मामले पर देश में राजनीति भी हो रही है।

https://twitter.com/satyam6247/status/1055182418586599424