समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य कभी रामचरितमानस पर टिप्पणी को लेकर विवादों में रहते हैं तो कभी हिंदू धर्म और ब्राह्मण पर टिप्पणी कर सुर्खियों में रहते हैं। अब उन्होंने एक बार फिर हिंदू धर्म को धोखा बताया है, साथ ही इसे दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश बताया है। सोशल मीडिया पर लोग स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर तरह-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं।
क्या बोले स्वामी प्रसाद मौर्य?
स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है, “ब्राह्मणवाद की जड़े बहुत गहरी है और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर के इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है। अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों का भी सम्मान होता है, दलितों का भी सम्मान होता, पिछड़ों का भी सम्मान होता लेकिन क्या विडंबना है।”
सोशल मीडिया पर आ रहे ऐसे रिएक्शन
स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें वह यही बोलते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग उनके इस ट्वीट पर तरह-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं। अभिषेक मिश्रा ने लिखा, ‘हिंदू धर्म में समाज के सभी वर्ग समाहित है। दलित, आदिवासी या पिछड़े..यह सभी हिन्दू समाज का अभिन्न अंग है। हिन्दू एक सामूहिक शक्ति का नाम है। ब्राह्मणों का गाली देना सरल है क्योंकि वे अधिकांश सहिष्णु ही रहता है।’
रोहित अग्रवाल ने लिखा, ‘क्यों इतनी नफरत बांट रहे हो?’ नितेश शुक्ल ने लिखा, ‘स्वामी जी, ब्राह्मणों से इतनी नफरत इतनी घृणा का कारण? क्या बात है, आखिर?’ कार्तिकेय ने लिखा, ‘ब्राम्हणों का विरोध करते करते ये लोग हिन्दू धर्म का विरोध करने लगे हैं।’ अजय ने लिखा, ‘अगर हिन्दू धर्म सबका है तो मंदिर में योग्यता के अनुसार पूजा करने के लिए आखिर क्यों नहीं रखा जा रहा है? हिन्दू की अन्य जातियों में भी विद्वान हैं लेकिन उनको कभी भी उनका स्थान नहीं दिया गया।’
स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह भी कहा है कि देश की राष्ट्रपति को मंदिर में पूजा करने से रोक दिया जाता है क्योंकि वह आदिवासी समाज से हैं और उन्हीं की मौजूदगी में एक मंत्री जाकर पूजा करता है क्योंकि वह ऊंची जाति का था। अगर आदिवासी समाज भी हिंदू होता तो क्या उनके साथ ऐसा बर्ताव होता? उन्होंने यह भी कहा कि तुम जान दे दो, खूब बहा दो लेकिन वह तुम्हें नीच मानते हैं, सम्मान नहीं देंगे।