वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे पर समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि अगर एएसआई सर्वे हो ही रहा है तो वो सिर्फ ज्ञानवापी मस्जिद का ही नहीं होना चाहिए बल्कि जितने भी हिन्दू धार्मिक स्थल हैं, पहले उनकी भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जितने भी हिन्दू धार्मिक स्थल हैं, उनमें से अधिकांश मंदिर पहले बौद्ध मठ थे, उन्हें तोड़कर हिन्दू तीर्थ स्थल बनाया गया है। इस पर उत्तराखंड सीएम पुष्कर धामी ने आपत्ति जताई तो स्वामी प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने उत्तराखंड सीएम पर किया पलटवार
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अब कहा, “आखिर मिर्ची लगी न, अब आस्था याद आ रही है। क्या औरों की आस्था, आस्था नहीं है? इसलिए तो हमने कहा था किसी की आस्था पर चोट न पहुंचे इसलिए 15 अगस्त 1947 के दिन जिस भी धार्मिक स्थल की जो स्थिति थी, उसे यथास्थिति मानकर किसी भी विवाद से बचा जा सकता है। अन्यथा ऐतिहासिक सच स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए। 8वीं शताब्दी तक बद्रीनाथ बौद्ध मठ था उसके बाद यह बद्रीनाथ धाम हिन्दू तीर्थ स्थल बनाया गया, यही सच है।”
सपा नेता पर क्या बोले थे उत्तराखंड सीएम धामी?
इससे पहले उत्तराखंड सीएम धामी ने ट्वीट कर कहा था, “करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र भू बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम पर समाजवादी पार्टी के नेता द्वारा की गई टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है। “महाठगबंधन” के एक सदस्य के रूप में समाजवादी पार्टी के एक नेता द्वारा दिया गया यह बयान कांग्रेस और उसके सहयोगियों की देश व धर्म विरोधी सोच को दर्शाता है। यह विचार इन दलों के अंदर SIMI और PFI की विचारधारा के वर्चस्व को भी प्रकट करता है।”
समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने ज्ञानवापी सर्वे पर कहा था, “अगर गड़े मुर्दे उखाड़ने की कोशिश की जाएगी तो बात बहुत दूर तक जाएगी। इसलिए 15 अगस्त 1947 तक जो स्थिति थी उसे ही माना जाए। उन्होंने यह भी कहा कि हम गड़े मुर्दे उखाड़ना नहीं चाहते हैं इसलिए कभी इस मुद्दे को नहीं उठाया है। मैं हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, आपस में सब भाई-भाई में विश्वास रखता हूं।”
यूजर्स की प्रतिक्रियाएं
विवेक नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘सपा को फिर 5 से ज्यादा सीटे ना मिले, इसका पूरा इंतजाम करते मौर्य जी!’ कन्हैया अग्रवाल ने लिखा, ‘सत्ता के लालच में कितना गिरोगे? बीजेपी को गाली देनी है तो दो, RSS को कोसना है कोसो लेकिन आम लोगों की आस्था से तो मत खिलवाड़ करो!’ गोपाल नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘अखिलेश यादव जी ये नेता आपकी पार्टी को काफी नुकसान पहुंचाएगा। सभी भी समय है, संज्ञान लीजिये।’ एक अन्य ने लिखा, ‘सबकी आस्था है, किसी दूसरे की आस्था के साथ खिलवाड़ करने से पहले सबको सोचना चाहिए। क्योंकि किसी की भी आस्था के साथ खिलवाड़ तो कोई भी कर सकता है।’