सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को देशभर के सिनेमाघरों में फिल्म दिखाए जाने से पहले राष्ट्रगान चलाना अनिवार्य कर दिया। शीर्ष अदालत के अनुसार, इससे नागरिकों में ‘देशभक्ति आैर राष्ट्रीयता की भावना जागृत’ होगी। जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने राष्ट्रगान से जुड़ी गाइडलाइंस जारी की हैं। अदालत ने कहा है कि इसका व्यापारिक तौर पर दुरुपयोग नहीं किया जा सकता और कोई भी इसमें नाटकीयता या संक्षिप्त रूप का प्रयोग नहीं करेगा। बेंच ने कहा कि लोगों को राष्ट्रगान और राष्ट्रध्वज का सम्मान करना चाहिए। अदालत ने कहा कि जब सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजता है तो उसके साथ स्क्रीन पर राष्ट्रध्वज दिखाया जाना चाहिए तथा लोगाें को जरूर खड़े होना चाहिए। अदालत ने कहा है कि दिव्यांगों को इससे छूट रहेगी। अदालत ने कहा, ”समय आ गया है कि जब लाेग यह महसूस करें कि राष्ट्रगान संवैधानिक देशभक्ति का प्रतीक है। लोगों को यह एहसास होना चाहिए कि वे एक देश में रहते हैं और स्वतंत्रता की इस व्यक्तिगत मान्यता को खत्म किया जाना चाहिए… लोगों को लगना चाहिए कि यह मेरा देश है…मेरी मातृभूमि है।”
सोशल मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को लेकर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। ज्यादातर ट्विटर यूजर्स ने इस फैसले को राष्ट्रीयता की भावना पनपाने में सहायक बताया है। कुछ लोगों ने इस पर भी चुटकी लेने में देर नहीं लगाई। मसलन, एक यूजर ने लिखा है कि ‘सुप्रीम कोर्ट को एटीएम में भी राष्ट्रगान बजाना कंपलसरी कर देना चाहिए, मर्जी हो न हो, लोगों को खड़े रहना पड़ेगा।’
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं:
Best to start playing national anthem at ATM queues no? I mean, we're all standing anyway.
— Kabir Taneja (@KabirTaneja) November 30, 2016
Burnol Moment. They're Fine With "Sonia Mata Ki Jai" But Not With "Bharat Mata Ki Jai". Even Supreme Court Is "Bhakt". 😉#NationalAnthem pic.twitter.com/DYtrsAZqMG
— Sir Jadeja fan (@SirJadeja) November 30, 2016
#NationalAnthem
Directions r to be followed for maternity…
For respect of our country…— shivam (@rathore_shivvu) November 30, 2016
There should be a national anthem file attached in all movie torrents: SC
— dorku (@Dorkstar) November 30, 2016
Instead of cinema halls, national anthem should be played at ATMs…marzi ho na ho sabko khada rehna padega ?
— Rofl Gandhi 2.0 ? (@RoflGandhi_) November 30, 2016
एक अन्य यूजर लिखते हैं, ”राष्ट्रगान का सम्मान करना हमारे मूल कर्त्तव्यों में से है। हमें मूल अधिकार तो याद रहते हैं, मगर मूल कर्त्तव्य भूल जाते हैं।”
*National anthem plays*
Jadeja : khada ho jaa and pay respect to the National Anthem.
Parthiv patel : mein khada hi hun ???
— Anuraag Choudhary (@Choudhary_Ji_) November 30, 2016
As kids we were always standing up for the National Anthem in theaters. Not sure why they stopped playing the Anthem https://t.co/9PWU9TT3db
— BG Mahesh (@bgmahesh) November 30, 2016
कुछ भी कहिये #NationalAnthem जब कानो में जाता है तब हाथ दिल पर और पांव जमीन पर थम ही जाते हैं। और भारतमाता के प्रति लगाव दोगुना हो जाता है।
— Amit Trigun (@amit_trigun) November 30, 2016
We are gonna play the National Anthem in a cinema before watching the Fifty Shades of Grey Sequel.
That makes sense.
— Vir Das (@thevirdas) November 30, 2016
सिनेमाघरों में राष्ट्रगान चलाना अनिवार्य करने संबंधी जनहित याचिका श्याम नारायण चौकसे ने डाली थी। जिसमें उन्होंने मांग थी कि इसे बजाने तथा सरकारी समारोहों और कार्यक्रमों में इसे गाने के संबंध में उचित नियम और प्रोटोकॉल तय होने चाहिए, जहां संवैधानिक पदों पर बैठे लोग मौजूद होते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आने वाले 10 दिनों में इस फैसले को पूरे देश में लागू किया जाए।