श्रीलंका के राजनैतिक और अर्थव्यवस्था के संकट को लेकर नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक हुई। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि गलत जानकारी के आधार पर श्रीलंका की तुलना भारत से की जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकारों को मुफ्तखोरी की योजना नहीं चलानी चाहिए। इस पर लोगों ने कई तरह के रिएक्शन दिए।
विदेश मंत्री का बयान
जयशंकर ने कहा कि भारत ने श्रीलंका को 3.8 बिलियन डॉलर की सहायता दी है। किसी अन्य देश ने इस वर्ष श्रीलंका को इस स्तर की सहायता नहीं दी है। हम पहल कर रहे हैं कि श्रीलंका की मदद कैसे की जा सकती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें नहीं लगता, भारत की स्थिति काफी श्रीलंका जैसी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि श्रीलंका से बहुत प्रबल सीख मिलती है कि सरकार उत्तरदाई होनी चाहिए लेकिन मुफ्त खोरी का कल्चर नहीं होना चाहिए।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
राजहंस नाम के ट्विटर यूज़र ने सवाल किया कि किसान सम्मान निधि और मोदी योगी के राशन के थैले पर फोटो के बारे में भी कोई प्रतिक्रिया दे देते। गौरव नाम के एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा – तभी तो आप की सरकार ने मुफ्त में राशन दिया और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीत लिया। आरके वर्मा नाम के टि्वटर यूज़र ने पूछा कि क्या आप आम आदमी पार्टी के नेताओं पर तंज कस रहे हैं?
धर्मेंद्र कुमार नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन, उज्वला योजना, किसान सम्मान निधि आदि के नाम पर अरबों रुपए से प्रचार करने वाले कह रहे हैं कि मुफ्तखोरी नहीं करनी चाहिए। प्रमोद नाम की एक यूजर ने लिखा – क्या इस देश के सांसद और विधायक ही फ्री का खा सकते हैं? फैज अशरफ नाम के एक यूजर ने पूछा कि 2 सालों से भारत में मुफ्त राशन कौन बांट रहा है?
महंगाई की मार झेल रहा है श्रीलंका
महंगाई की मार पड़ने की वजह से श्रीलंका आज सबसे बुरे वक्त से गुजर रहा है। हाल में ही श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास को आग के हवाले कर दिया था। यही वजह रही कि प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे जी को इस्तीफा देना पड़ा। गौरतलब है कि सालों से धीरे-धीरे बढ़ रही महंगाई के कारण श्रीलंका के लोगों को खाना भी बहुत मुश्किल से मिल रहा है। आबादी का एक बड़ा हिस्सा एक-दो दिन भूखे रहने को मजबूर है। श्रीलंका में भ्रष्टाचार और लूटपाट का माहौल बना हुआ है।