उपराष्ट्रपति और संसद के उच्च सदन राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू का कार्यकाल पूरा हो रहा है। संसद में पीएम मोदी समेत सभी सांसदों ने उन्हें विदाई दी। आठ अप्रैल को एम वेंकैया नायडू ने राज्यसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति के रूप में आखिरी बार सदन को संबोधित किया। हालांकि केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने वेंकैया नायडू की विधाई में ऐसा भाषण दिया कि सभी सांसद अपनी हंसी नहीं रोक पाए।

रामदास आठवले ने कहा कि “सभापति महोदय आप हमें छोड़कर जा रहे हैं, फिर हम यहां क्या करेंगे। आपने हमें विश्वास दिया है कि हम किसी से नहीं डरेंगे, और 2024 का चुनाव मोदी जी नहीं हारेंगे। आपने मुझे मौका दिया हर बार, इसलिए मैं करता रहा कांग्रेस पर वॉर। आप कभी नहीं मानने वाले हैं हार, इसलिए आप आइये फिर एक बार। जो आते थे बार-बार वेल, उनको संस्पेड करके आपने बंद कर दिया था उनका खेल।” 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘कांग्रेस वाले तो आपके सामने हो गए हैं फेल, इसलिए अब वो नहीं आएंगे वेल। मैं इतना कहना चाहता कि आपका अंदाज अच्छा था। आप सभी को सामान मौका देते रहे और गड़बड़ करने वालों को एक मिनट के अन्दर बाहर करते थे। उनको ज्यादा हंगामा करने का मौका नहीं मिलाता था। हाउस चलाने के बार में आपका अच्छा अनुभव था। पांच साल तक आप हमारे साथ रहे। समय कम होने पर जब मैं बोलता था तो आप बेल बजाते थे, आप बेल बजाते थे तो भी मैं बोलता रहता था।’ 

आठवले ने कहा कि ‘मेरी पार्टी रिपब्लिकन पार्टी है, बाबा साहब की पार्टी है। संविधान निर्माता की पार्टी है। इस पार्टी की तरफ मैं आपको हार्दिक बधाई देता हूं। लेकिन हम आपको छोड़ेंगे नहीं! हम आपको बुलाते रहेंगे। इस हाउस में हमने आपका भाषण बहुत सुना है लेकिन अप आपको बाहर भी बुलाते रहेंगे। आपका मार्गदर्शन प्राप्त करते रहेंगे। मैं आपको हार्दिक शुभकामना देता हूं, आपने हाउस अच्छे से चलाया, इसके लिए आप बधाई के पात्र हैं।’ 

वहीं आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि ‘मैं खुद को सबसे सौभाग्यशाली सांसद मानता हूं कि मुझे आपका सबसे ज्यादा प्यार मिला। आपने हमें मार्गदर्शन दिया है। जब आप हाउस में होते थे तो आप संविधान की बात करते थे और जब घर पर मिलते थे तो आप हमें अच्छे से समझाते थे।’ वहीं रामगोपाल यादव ने कहा कि आपसे जो स्नेह मिला, उतना स्नेह किसी से नहीं मिला। आपके विदाई समारोह में जो मुझे परेशानी हो रही है उतनी कभी नहीं हुई। आप सारे प्रोटोकॉल और बंधनों से मुक्त हो रहे हैं तो जब भी कुछ कहना पड़े तो आप संविधान और देश हित में बोलेंगे, ऐसी मेरी कामना है!