टीवी पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने केंद्र सरकार द्वारा नोटबंदी के फैसले को ‘सिस्‍टम हिला देने वाला’ बताया है। उन्‍होंने ट्विटर पर लिखा कि ”चाहे विमुद्रीकरण काम करे या नहीं, मगर कम से कम नरेंद्र मोदी ने चलता है एटिट्यूड वाले सिस्‍टम को हिला दिया है।” इसके बाद उन्‍होंने नोटबंदी की वजह से लोगों को हो रही परेशानी पर व्‍यक्तिगत उदाहरण सामने रखा। सरदेसाई ने एक ट्वीट में बताया कि कैसे उनकी मां मुंबई के दो बड़े बैंकों में गईं, मगर वहां उन्‍हें बताया गया कि कैश मौजूद नहीं हैं। सरदेसाई ने बताया कि उनकी मां को अपनी नौकरानी का वेतन देना था, मगर कैश न होने की वजह से वह ऐसान हीं कर पाई। उन्‍होंने लिखा, ”मेरी मां अपनी नौकरानी की महीने के अंत वाली सेलरी देने के लिए पैसा निकालने आज सुबह मुंबई के दो बड़े बैंक गई थीं। बताया गया कि कैश उपब्‍लध नहीं हैं।” सरदेसाई के इस ट्वीट पर यूजर्स ने मिश्रित प्रतिक्रियाएं दी हैं। जहां कुछ लोग उन्‍हें नियम समझाते दिखे तो कुछ ने उनकी परेशानी से सहानुभूति जताई। कुछ यूजर्स ने उन्‍हें अपनी मां को कैशलेस इकॉनमी के बारे में सिखाने की सलाह दी तो कुछ ने चुटकी लेने से गुरेज नहीं किया।

कई यूजर्स ने राजदीप सरदेसाई के ट्वीट को नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस समर्थक की टिप्‍पणी के रूप में लिया। एक ने तो यहां तक लिख दिया कि ‘आपकी असली मां बैंक गई थीं या सोनिया गांधी।’ तो कुछ ने सरदेसाई से सहमति जताते हुए उन्‍हें आगाह भी किया कि अब ‘भक्‍त (सोशल मीडिया पर नरेंद्र मोदी के समर्थक) आपके पीछे पड़ जाएंगे।’ कु छ लोग ऐसे भी थे जिन्‍होंने सरदेसाई के ट्वीट को सामान्‍य तरीके से लिया और अपनी मिलती-जुलती परेशानी साझा की।

बता दें क‍ि नरेंद्र मोदी सरकार ने 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपए के नोट गैरकानूनी करार दिया था। उसके बाद से ही लोगों को नकदी के लिए काफी परेशान होना पड़ रहा है और विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया है।

संसद के शीतकालीन सत्र में भी इस मुद्दे पर हंगामे के चलते 10 दिन में कोई काम नहीं हुआ है। पीएम मोदी ने हालात सामान्‍य करने के लिए लोगों से 50 दिन का वक्‍त मांगा है।

सरदेसाई की परेशानी से जताई सहानुभूति: 

https://twitter.com/Loneranger9/status/803519395125305344

लोगों ने दी मुफ्त की सलाह

https://twitter.com/NewsWomenRiya/status/803517754431016960

https://twitter.com/sanurai309/status/803524179098116096

आलोचना करने वाले भी कम नहीं :

चुटकी लेने वाले कैसे पीछे रहते: