सीनियर पत्रकार राजदीप सरदेसाई एक बार फिर चर्चा में हैं। फिलहाल वे न्यूज से जुड़े क्विज शो ‘न्यूज विज’ में होस्ट की भूमिका निभा रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनके शो की चर्चा है। वहीं, caravan की वेबसाइट पर Unable To Keep Up With The Din Of Daily News, Rajdeep Sardesai Tries To Reinvent Himself शीर्षक से एक आर्टिकल प्रकाशित हुआ है। इस में यह कहा गया है कि जिस वक्त राजदीप अपने करियर के शिखर पर थे, तब राजदीप के इस अवतार के बारे में शायद ही कोई सोच सकता है। caravan के ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में खुद राजदीप ने माना कि अगर उन्हें 15 साल पहले यह शो करने का ऑफर मिलता तो वे कभी भी इसके लिए तैयार नहीं होते। एक घंटे लंबे शो में राजदीप स्टूडेंट्स से न्यूज से जुड़े सवाल पूछते हैं। सही जवाब मिलने पर वह ‘फैंटैस्टिको’ बोलते हैं। यह एक कार के विज्ञापन की टैगलाइन है। शो 24 जुलाई को ही शुरू हुआ है और इसे इंडिया टुड टीवी पर प्रसारित किया जा रहा है। सोशल मीडिया ने इस शो को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया दी है। कुछ ने इसकी तारीफ की तो कुछ का कहना है कि बतौर होस्ट राजदीप नहीं जंजते। वहीं, वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता ने ट्वीट करके पूछा है आखिर वे यह शो क्यों कर रहे हैं?
बता दें कि राजदीप हाल ही में उस वक्त भी सुर्खियों में आ गए थे, जब उन्होंने लाइव शो में टेनिस स्टार सानिया मिर्जा से उनके सेटल होने के बारे में सवाल पूछा था। सानिया ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा था कि वर्ल्ड नंबर वन होने के बाद भी बिना परिवार शुरू किए क्या उन्हें सेटल हुआ नहीं माना जा सकता। राजदीप ने तुरंत माफी मांग ली थी। हालांकि, इसके बाद वे सोशल मीडिया के निशाने पर आ गए थे।
राजदीप सरदेसाई ने पूछा गलत तरीके से सवाल, सानिया मिर्जा ने दिया कड़ा जवाब तो मांगी माफी
Why is @sardesairajdeep hosting news-quiz for kids infra-dig? Wish more celeb anchors wd defy tyranny of prime time https://t.co/eQaxqYo2Ly
— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) August 10, 2016
This News Wiz show on India today is pretty good. Sardesai and Dada are fun.
— Bajj (@rj_manutd) August 7, 2016
Did you not find any other suitable person to host News Wiz than Rajdeep Sardesai. @IndiaToday
— Nationalist Monk (@kendentshering) July 30, 2016
winners of first round of News Wiz Chettinad Vidyashram: chennai new capital of quizzing? 3 more teams next Sunday! pic.twitter.com/J43hxEsFgv
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) July 25, 2016
Unable to take the twitter backlash, he finds solace with the only ppl who will take him seriously:https://t.co/KorlZnaBLI via @sharethis
— Simple Truths (@strongissilent) August 10, 2016
मैगजीन ने लिखा है, ‘अंबानी के सीएनएन-आईबीएन के टेकओवर और नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के कुछ दिन बाद ही सरदेसाई चैनल से अलग हो गए। दोनों के आपसी रिश्तों की खटास किसी से छिपी नहीं है। अतीत में सरदेसाई की रिपोर्टिंग से मोदी कभी सहमत नहीं रहे। 2002 में गुजरात के दंगों के वक्त जब मोदी वहां के सीएम थे उन्होंने एनडीटीवी पर बैन लगा दिया था क्योंकि उनका मानना था कि बरखा दत्त और राजदीप की रिपोर्टिंग से हिंसा भड़क सकती है। एक बार पीएम ने पत्रकारों के लिए ‘न्यूज ट्रेडर’ शब्द का इस्तेमाल किया था। अब उनके समर्थक आम तौर पर इसका इस्तेमाल सरदेसाई की आलोचना में करते हैं। ऐसा लगता है कि लोगों को संदेश मिल गया। इसकी वजह से सरदेसाई की मंत्रियों और ब्यूरोक्रेट्स तक पहुंच सीमित हो गई। ये संपर्क किसी भी रिपोर्टर या एडिटर के लिए शरीर में बहते खून की तरह अहम होते हैं। 24 घंटे सक्रिय न्यूज के बाजार में सूचनाओं पर लगाम कसकर किसी भी पत्रकार के करियर को छोटा करना सुनिश्चित किया जा सकता है। आखिरकार एडिटर ही न्यूजरूम के लीडर होते हैं। वे किसी न्यूज नेटवर्क के चेहरे होते हैं और इसी तौर पर अपने सहकर्मियों द्वारा देखे जाते हैं। खबरों की डिमांड वाले इस बाजार में जहां न्यूज ब्रेक करना चैनल के मार्केटिंग की जरूरत हो और उसे अन्य चैनलों की दौड़ से बाहर रखता है, वहां क्या होगा जब खबरों के सोर्स एक फोन कॉल पर उपलब्ध न हों।’