उत्तर प्रदेश के कासगंज में भड़की हिंसा में अकरम हबीब नाम के शख्स की एक आंख की रोशनी जाने बाद वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट किया, जिसके बाद वह लोगों के निशाने पर आ गए। ट्विटर पर लोग उन्हें जमकर ट्रोल कर रहे हैं। राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट में लिखा-  ”चंदन गुप्ता की दुखद मौत के बाद अब अकरम ने कासगंज हिंसा में अपनी एक आंख उस वक्त गंवा दी जब वह अपनी गर्भवती पत्नी को अस्पताल ले जा रहे थे। एक आंख के बदले एक आंख हम सब को अंधा बनाकर छोड़ देगी। क्या यही बापू का भारत है? भगवान के लिए यह हिंसा बंद करो।” बता दें कि 26 जनवरी को कासगंज में कथित तौर पर तिरंगा फहराने को लेकर सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। इसमें गोली लगने से चंदन गुप्ता नाम के युवक की मौत हो गई थी। हिंसा की चपेट में कई लोग घायल हुए। कई दुकानें और वाहन जाल दिए गए थे। इसे लेकर राजदीप सरदेसाई अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे थे लेकिन ट्विटर पर बैठे लोगों ने कहा कि अकरम की आंख जाने के गम में आखिरकार तीन-चार दिन में आपको ट्वीट करने की फुरसत मिल गई।

मीरा ने लिखा- ”आखिरकार आपको ट्वीट करने का कारण मिल गया। यहां पर आप इसे दुखद मौत बताना चाहते हैं, लेकिन नृशंस हत्या या हत्या नहीं कह सकते हैं। आप बहुत कपटी हैं।” सुशील ने लिखा- ”अंकल को टेंशन बस मुस्लिम के लिए होती है।” अनुज शर्मा ने लिखा- ”इनको दूसरी जगह से एक घायल आदमी को खोदने की जरूरत पड़ती है और ये उसकी एक आंख खोने के कारण उसके साथ ज्यादा नजर आते हैं।” लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने लिखा- ”मैं अमेरिका में रह रहे उन भारतीय नागरिकों का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने आपको आपकी असली औकात बताई।”

 

 

 

एक यूजर ने लिखा – ”अब हमारे एजेंडा पत्रकार फार्म में आ गए। अब ये कासगंज की पिच पर चौके-छक्के मारेंगे। ट्वीट के शतक बनाएंगे। आखिर 3 दिन बाद इन्हें मसाला मिला है। वाह भाई वाह कमाल का खेल खेलते हो।”

 

योगेश कलानी ने लिखा- ”आखिरकार आपने अकरम की आंख जाने के बाद चुप्पी तोड़ ही दी, यह वास्तव में दुखद घटना है, लेकिन उदारवादी मीडिया के पाखंड से दुखद क्या हो सकता है?”

 


जितेन अग्रवाल ने लिखा- ”चंदन के लिए ट्वीट करने में 2-3 दिन लगे। आपके लिए चंदन से ज्यादा अकरम क्यों महत्वपूर्ण है? हमारे लिए अकरम की तरह चंदन महत्वपूर्ण है। कृपया हमें बांटना बंद करें। भगवान के लिए ऐसा करना बंद करें।”

 

बता दें कि कासगंज में अब भी तनाव बना हुआ है। पुलिस और सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के बावजूद हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं।