जामा मस्जिद में महिलाओं के अकेले जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। हालांकि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के एलजी बीके सक्सेना ने इसको लेकर जामा मस्जिद के शाही इमाम से बात की है। जिस पर कहा जा रहा है कि इस फैसले को जल्द ही वापस लिया जा सकता है। इस बीच जामा मस्जिद के पीआरओ सबीउल्लाह खान ने लड़कियों को लेकर एक बयान दिया तो सोशल मीडिया यूजर्स भड़क गए।
जामा मस्जिद के पीआरओ ने दिया ऐसा बयान
जामा मस्जिद के पीआरओ सबीउल्लाह खान ने मीडिया से बातचीत में कहा, “जो अकेली लड़कियां यहां आती हैं, लड़कों को टाइम देती हैं, यहां आकर के गलत हरकतें करती हैं, वीडियो बनाई जाती हैं, उस चीज को रोकने के लिए इसपर पाबंदी लगाई गई है।” इसकी साथ उन्होंने कहा कि अगर लड़कियां परिवार के साथ आती है तो कोई पाबंदी नहीं है।
जामा मस्जिद को ना समझे मीटिंग पॉइंट
जामा मस्जिद के पीआरओ द्वारा कहा गया कि यहां पर मैरिड कपल भी आ सकते हैं। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि किसी को टाइम देकर यहां आना, इसको मीटिंग पॉइंट समझ लेना, पार्क समझ लेना, टिकटॉक वीडियोज बनाना, डांस करना… ये किसी भी धर्मस्थल के लिए मुनासिब नहीं है। चाहे वह मस्जिद हो, मंदिर हो या गुरुद्वारा।” सोशल मीडिया यूजर्स जामा मस्जिद के पीआरओ के इस बयान पर उन्हें ट्रोल कर रहे हैं।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
उषा नाम की एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि काफी एकतरफा फैसला लगता है… उन लड़कों और लड़कों के समूह पर विचार नहीं किया गया जो उत्पात मचाते हैं और लड़कियों को परेशान करते हैं मस्जिद जैसी पाक जगह पर आकर। रविंद्र त्रिपाठी नाम ने कमेंट किया, “इस तरह की हरकतें तो लड़के भी कर सकते हैं, उनके लिए फैमिली के साथ आना जरूरी करो। हर चीज में लड़कियों को ही क्यों दोषी बनाते हो?”
शुभम शुक्ला नाम के ट्विटर यूजर ने कमेंट किया – इस देश को धर्म और मजहब के नाम पर कितना बांट दिया गया है, किसी धर्म में लिखा हुआ है कि लड़कियां अकेले घूमने नहीं जा सकती हैं। रजनी गुप्ता नाम की एक टि्वटर यूजर ने
लिखा कि तुम जैसे ही लोगों की वजह से लड़कियों को इतनी पाबंदी में रखा जाता है, क्या धर्म और जाति का ठेका लड़कियों के ऊपर ही है क्या?