गंगा नदी के संरक्षण की मांग को लेकर पिछले 112 दिनों से अनशन कर रहे मशहूर पर्यावरणविद् प्रोफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरुप सानंद का गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्होंने ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आखिरी सांस ली। जीडी अग्रवाल के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दुख जाहिर किया। जिस पर सोशल मीडिया यूजर्स ने तीखे कमेंट करना शुरु कर दिया है। दरअसल लोगों में इस बात की नाराजगी है कि जीडी अग्रवाल पिछले काफी दिनों से सरकार को पत्र लिखकर गंगा के संरक्षण की मांग कर रहे थे। लोगों का मानना है कि सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
पीएम मोदी के ट्वीट पर एक यूजर ने लिखा कि याद करना बंद कीजिए और काम शुरु कीजिए। प्रोफेसर जीडी अग्रवाल गंगा के संरक्षण को लेकर गंगा प्रोटेक्शन मैनेजमेंट एक्ट का लागू करने और गंगा पर बन रहे सभी हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को बंद करने की मांग कर रहे थे। क्या आप उनकी यह इच्छा पूरी करेंगे? एक अन्य यूजर ने लिखा कि गंगा सफाई की आड़ में पिछले 70 सालों में हर रूलिंग पार्टी ने पैसा कमाया है। मां गंगा के पुत्र भी अपवाद नहीं हैं? अब भागीरथ नहीं होते बल्कि भागीरथ की आड़ में लुटेरे नेता ही आते हैं???
Saddened by the demise of Shri GD Agarwal Ji. His passion towards learning, education, saving the environment, particularly Ganga cleaning will always be remembered. My condolences.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2018




बता दें कि जीडी अग्रवाल के निधन के बाद लोगों के निशाने पर आयी केन्द्र सरकार ने अपनी सफाई में कहा है कि केन्द्र सरकार ने जीडी अग्रवाल की सभी मांगे मान ली थीं। गंगा नदी के संरक्षण के लिए कानून बनाने के मुद्दे पर केन्द्रीय नितिन गडकरी ने बताया कि विधेयक को मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजा गया है। मंजूरी मिलने के बाद उसे संसद में पेश किया जाएगा। बता दें कि जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरुप सानंद ने 5 साल पहले भी गंगा के संरक्षण की मांग को लेकर अनशन किया था। हालांकि उस वक्त सरकार से हुई बातचीत के बाद उन्होंने अपना अनशन वापस ले लिया था। उस वक्त तत्कालीन यूपीए सरकार ने उत्तरकाशी में बन रही 3 जल विद्युत परियोजनाओं पर काम बंद कर दिया था। लेकिन इस बार सरकार के साथ उनकी सहमति नहीं बन पायी। बता दें कि जीडी अग्रवाल आईआईटी प्रोफेसर रह चुके थे और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य की जिम्मेदारी भी निभा चुके थे।

