रविवार रात जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हुई हिंसा की जिम्मेदारी हिंदू रक्षा दल नाम के एक संगठन ने ली है। इस संगठन का दावा है कि जेएनयू में उसी के कार्यकर्ताओं ने हिंसा करवाई है। संगठन के अध्‍यक्ष पिंकी चौधरी का एक विडियो वायरल हुआ है जिसमें वह जेएनयू में हुई हिंसा की जिम्मेदारी ले रहे हैं। वायरल विडियो में जेएनयू में देश विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए हिंदू रक्षा दल के अध्यक्ष पिंकी चौधरी ने चेतावनी दी कि ऐसी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। हालांकि सोशल मीडिया में लोग पिंकी चौधरी और उनके संगठन हिंदू रक्षा दल का मजाक उड़ाते हुए लिख रहे हैं कि ये लोग बहती गंगा में हाथ धोने आ गए हैं।

दरअसल पिंकी चौधरी के दावे को सोशल मीडिया में ज्यादातर लोग सीरियसली नहीं ले रहे हैं। लोग लिख रहे हैं कि ग़ैरज़िम्मेदारी से ज़िम्मेदारी ले रहे इस शख़्स को दिल्ली पुलिस की मेहमाननवाज़ी की सख़्त ज़रूरत है। वहीं कुछ ने लिखा कि ABVP को बचाने के लिए जो पिंकी भैया आगे आये हैं इनकी ट्रेनिंग ठीक नहीं हुई है। स्क्रिप्ट याद नहीं कर पाते हैं।

 

बता दें कि रविवार रात कुछ नकाबपोश बदमाशों ने जेएनयू स्टूडेंट्स और टीचर्स पर हमला कर दिया था। इस हमले में करीब 2 दर्जन छात्र और स्टाफ के लोग बुरी तरह से घायल हुए थे। घायलों को एम्स और सफदरजंग के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईसी घोष को भी गंभीर चोटें आईं। उन्होंने एबीवीपी पर इस हमले के आरोप लगाए थे। वहीं एबीवीपी ने लेप्ट पर आरोप लगाते हुए कहा था कि आईशी घोष ने ही ये हमले करवाए हैं।

इनसबके बीच पिंकी चौधरी द्वारा हिंसा की जिम्मेदारी लेने का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ। वीडियो में पिंकी चौधरी कहते दिखा- ये लोग हमारे देश में रहते हैं, हमारे देश का खाते हैं। हमारे देश में ही शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। हमारे देश में ऐसी गतिविधियां हिंदू रक्षा दल बर्दाश्त नहीं करेगा।’

पिंकी चौधरी ने आगे कहा, ‘देश विरोधी गतिविधियां, अगर हमारे यहां कोई करेगा, तो उसे इसी तरह का जवाब दिया जाएगा जैसे हमने कल शाम को दिया। और इसकी जिम्मेदारी हम लेते हैं। हमारे धर्म के खिलाफ, इतना गलत बोलना किस तरह का इन लोगों का व्यवहार है। कई वर्षों से जेएनयू कम्यूनिस्टों का अड्डा बना हुआ है और ऐसे अड्डे हम लोग बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। हम लोग अपने धर्म के लिए अपने प्राण न्योछावर करने को तैयार रहते हैं।’