पाकिस्तान का एक मछुआरा रातोंरात करोड़पति बन गया है। इस मछुआरे को एक दुर्लभ प्रजाति की मछली मिली थी, जिसकी कीमत करोड़ों में बताई जाती है। सोमवार (6 नवंबर) को अरब सागर से मछुआरे की जाल में दुर्लभ मछली फंसी। इस मछली को पकड़ने के बाद मछुआरे और उसके दोस्तों में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी।

हाजी बलूच, जो इब्राहिम हैदरी मछली पकड़ने वाले गांव के रहने वाले हैं, सोमवार (6 नवंबर) को अरब सागर से अपने सहयोगियों के साथ एक दुर्लभ मछली पकड़ी। स्थानीय बोली में इस मछली को गोल्डन फिश या “सोवा” कहा जाता है। इस मछली की नीलामी की गई तो इसकी कीमत 70 मिलियन रुपये (लगभग 247,315 डॉलर) लगाईं गई।

‘सोवा’ एक दुर्लभ प्रकार की मछली है जिसे अनमोल माना जाता है। माना जाता है कि इसके पेट में मौजूद पदार्थ में औषधीय और उपचार गुण होते हैं। डॉक्टर कुछ सर्जिकल प्रक्रियाओं में इस मछली के अंदर मिलने वाले धागे जैसे पदार्थ का भी उपयोग करते हैं। यह मछली तट पर तभी आती है, जब इसका प्रजनन काल चल रहा होता है।

बताया जाता है कि नीलामी में एक मछली की कीमत लगभग 7 मिलियन रुपये (लगभग 24,731 डॉलर) होती है। आम तौर पर, इस मछली का वजन 20 से 40 किलोग्राम के बीच होता है और इसकी लंबाई 1.5 मीटर तक हो सकती है। इस मछली की पूर्वी एशियाई देशों में काफी डिमांड है।

मछली पकड़ने वाले हाजी बलूच ने कहा कि हम मछली पकड़ रहे थे, तभी इस दुलर्भ मछली का झुण्ड हमें मिला और हमने इन्हें पकड़ लिया। इस मछली को बेचने के बाद जो पैसे मिले हैं, उन्हें सात सहयोगियों में बांटा गया है। ‘सोवा’ मछली को नीलामी के जरिए बेचा गया है जिसकी कीमत 70 मिलियन रुपए लगी है।