यूपी में 2017 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से ही विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया था कि राजपूत समुदाय से आने वाले मुख्यमंत्री योगी के राज में ब्राह्मणों पर अत्याचार हो रहे हैं। विपक्ष पूरी कोशिश में है कि चुनाव को किसी तरह राजपूत बनाम ब्राह्मण किया जा सके। ब्राह्मण वोटों का अपने पाले में जोड़ने के लिए मायावती, अखिलेश और कांग्रेस ने जोर-आजमाइश शुरू कर दी है। लेकिन कांग्रेस से बीजेपी में गए जितिन प्रसाद इस थ्योरी को सिरे से खारिज करते हैं।
जितिन का कहना है कि समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर बीजेपी चल रही हैं। कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर पर जितिन ने कहा कि यह मामला अदालत में विचाराधीन है। दरअसल, उनसे सवाल किया गया था कि विकास दुबे के मारे जाने से ब्राह्मण बीजेपी से नाराज है। जितिन का कहना था कि दूसरे पक्ष में जो लोग मारे गए उनमें से भी ब्राह्मण तबके के लोग थे। उनका कहना था कि क्षणिक तौर पर लोगों की भावनाएं आहत होती दिखी थीं।
लखीमपुर को लेकर उनसे सवाल पूछा गया कि क्या वहां बीजेपी सिख वर्सेज ब्राह्मण के ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है। उनका कहना था कि सीएम योगी का साफ कहना है कि इस मामले में न्याय होगा। कभी कांग्रेस का ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले जितिन का दावा है कि बीजेपी आने वाले चुनाव में पूरे बहुमत के साथ सत्ता में आने जा रही है। कुछ समस्याएं हैं पर वह खुद मानते हैं कि उनका समाधान निकाला जाना चाहिए।
ध्यान रहे कि विपक्षी दलों ने बीते कुछ महीनों में जिस तरह बीजेपी को ब्राह्मण विरोधी बताकर लामबंदी शुरू की, उसको देखते हुए बीजेपी ने पहले खीरी से सांसद अजय मिश्र टेनी को केंद्र में गृह राज्य मंत्री बनाने के बाद जितिन प्रसाद को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया है। जितिन प्रसाद कांग्रेस में रहकर ब्राह्मणों के कल्याण के लिए बेहद सक्रिय थे।
जितिन के बीजेपी में आते ही मंत्री बनने के कयास लग रहे थे लेकिन जितिन प्रसाद को कैबिनेट मंत्री बनाने से साफ हो गया कि बीजेपी ब्राह्मणों को साधने के लिए पूरा जोर लगा रही है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या जितिन बीजेपी की उस जरूरत को पूरा कर पाएंगे। क्योंकि हाल में जो मंत्री बनाए गए उनमें से सिर्फ जितिन प्रसाद को ही कैबिनेट रैंक दी गई।