संसद में महंगाई पर हो रही बहस के दौरान विपक्ष में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कई तरह के सवाल किए। इसके साथ ही विपक्ष ने सरकार पर महंगाई पर चर्चा करने के बजाय दूसरे मुद्दों पर चर्चा करने का आरोप भी लगाया। इस दौरान निर्मला सीतारमण ने श्मशान घाट पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने के सवाल पर जवाब दिया। जिस पर तरह-तरह के रिएक्शन आने लगे।

विपक्ष ने उठाए ऐसे सवाल

विपक्षी की ओर से संसद में सवाल किया गया कि पिछले 14 महीनों के दौरान देश में महंगाई दर दहाई अंक में रही है, जो 30 साल में सबसे ज्यादा है। अनाज, खाद्य तेलों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। इसके साथ ही विपक्ष ने सरकार ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार की गलत आर्थिक नीतियों की वजह से अर्थव्यवस्था के पांच मूल तत्वों- बजट, निवेश, उत्पादन, खपत और रोजगार के परखच्चे उडे़। विपक्ष की ओर से कहा गया, ‘श्मशान घाट पर सरकार द्वारा 18 प्रतिशत जीएसटी लगाना दुखद है।’

निर्मला सीतारमण ने दिए यह जवाब

निर्मला सीतारमण ने विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों पर कहा कि खाद्य पदार्थों से लेकर तेल तक पर आयात शुल्क घटाकर इसे कम करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं उन्होंने सरकार की नीतियों पर उठाए गए सवाल के जवाब में कहा कि वैश्विक एजेंसियों ने भी माना है कि कोरोना महामारी, रूस यूक्रेन युद्ध जैसी समस्या के बाद भी भारत दुनिया में सबसे तेजी से गति कर रहा है। वित्त मंत्री ने श्मशान घाट पर जीएसटी लगाने वाले आरोप पर कहा कि किसी धर्म के अंतिम संस्कार पर कोई जीएसटी नहीं। शवदाह गृह के निर्माण से जुड़े उपकरण पर जीएसटी लगाया गया है, ताकि इसे बनाने वाले को इनपुट टैक्स क्रेडिट मिल सके।

लोगों ने दिए ऐसे रिएक्शन

आम आदमी पार्टी के नेता शिवचरण गोयल ने लिखा कि, ‘भाजपा केंद्र मोदी सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद, इनके शासन में मरने के बाद, श्मशान घाट में अंतिम संस्कार, कब्रिस्तान में दफनाने, मुर्दाघर में शव रखने पर कोई जीएसटी नहीं है। इन सेवाओं को जीएसटी से मुक्त रखा गया है।’ कांग्रेस नेता नीरज भाटिया ने सरकार पर तंज कसते हुए लिखा कि यह ऐतिहासिक है, सभी श्मशान घाटों के बाहर ‘ थैंक्यू मोदी जी’ का होर्डिंग्स लगना चाहिए।

फिल्म मेकर विनोद कापड़ी ने सरकार पर तंज कसते हुए लिखा, ‘ मोदी सरकार आप सब पर इतना बड़ा एहसान कर रही है, आपको ऐसी सरकार को जिंदा रहते धन्यवाद कहना चाहिए।’ सोहित मिश्रा नाम के ट्विटर यूजर कमेंट करते हैं कि मरने पर जीएसटी नहीं है और आप लोग कह रहे हैं कि सरकार आम आदमी की बात नहीं सुनती… हद है।