उत्तर प्रदेश के मदरसों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने के योगी आदित्यनाथ सरकार के फैसले का मुस्लिम धर्मगुरुओं ने विरोध किया है। न्यूज चैनल आज तक के टीवी डिबेट में शिरकत करते हुए मदरसा अबुतालिब के सैयद सैफ अब्बास नकवी ने कहा है कि उन्हें योगी सरकार की नीयत पर शक है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी से बच्चे मर रहे हैं, उत्तर प्रदेश में पानी भरा है, लेकिन सरकार को सिर्फ मदरसों की चिंता है, ऐसा क्यों है? उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में मदरसों के साथ राजनीति की जा रही है इस पर उन्हें शक है। मुस्लिम धर्मगुरु सैयद सैफ अब्बास नकवी ने कहा कि वे भी मदरसों में पारदर्शिता चाहते हैं, और मदरसों के संचालन से जुड़ा सारा हिसाब भी देते हैं, लेकिन जिस तरह मदरसों को लेकर नये नये फरमान लाये जा रहे हैं इससे उन्हें सरकार की नीयत पर शंका हो रही है।

सैयद सैफ अब्बास नकवी ने कहा है कि सरकार गोरखपुर में बच्चों की जो हत्या की गई उससे लोगों का ध्यान हटाने के लिए ये सारे मुद्दे उठाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश 14 अगस्त को जन्माष्टमी मना चुका है, 2 महीने पहले ईद मनाई जा चुकी है, और कांवड यात्रा भी खत्म हो चुकी है, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ फिर से इन मुद्दों को उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि दरअसल सीएम ये तय कर चुके हैं कि उन मुद्दों को ही उठाएंगे जिससे हिन्दू मुस्लिम का मुद्दा गरम रहे। उन्होंने कहा कि सरकार ने मदरसों से तिरंगा फहराने का वीडियो मांगा, लेकिन यही मांग मिशनरीज स्कूल से क्यों नहीं की गई? इसी बहस में वीएचपी प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा कि कई ऐसे मदरसे हैं जिनमें एक भी बच्चे नहीं पढ़ते हैं लेकिन वहां पर विदेशों से करोडों रुपये आते हैं। उन्होंने कहा कि इन पैसो का प्रयोग कट्टर इस्लामिक मानसिकता को बढ़ाने के लिए किया जाता है।

बता दें कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश के सभी मदरसों का पंजीकरण और डिजिटाइजेशन अनिवार्य कर दिया गया है। यूपी सरकार का तर्क है कि इस फैसले से मदरसों के संचालन में एकरुपता आएगी और करप्शन भी खत्म होगा।