जलवायु संकट इस समय का सबसे बड़ा सवाल है। यह मुद्दा इस समय कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा आप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई इस तस्वीर से लगा सकते हैं। जलवायु परिवर्तन का प्रभाव दुनिया के ग्लेशियर्स पर देखा जा रहा है। ग्लेशियर कभी धरती की प्राकृतिक सुंदरता के प्रतीक थे, अब वैश्विक तापमान बढ़ने के कारण ये पिघल रहे हैं।

इसी बीच स्विट्जरलैंड के रोन ग्लेशियर में 15 सालों में हुए बदलाव को हाल ही में एक एक्स यूजर ने अपने कैमरे में कैद किया है। यूजर के इस पोस्ट ने सभी को हैरान कर दिया। इस पोस्ट को अब तक 3.9 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है।

शख्स ने स्विट्जरलैंड ग्लेशियर के सामने 15 साल पहले अपनी तस्वीर खिंचवाई थी। तस्वीर में हर तरफ बर्फ की बर्फ दिखाई दे रहा है। अब इसी शख्स ने 15 साल बाद उसी जगह पर सेम पोजिशन में फोटो क्लिक कराई मगर पीछे ग्लेशियर का सीन बदल गया था। पूरे बर्फ पिघल चुके थे और इसके साथ की सफेद चाजर की सुंदरता पत्थर के रूप में बदल गई थी। शख्स ने बिफोर और ऑफ्टर की तस्वीर एक साथ शेयर की है। दोनों ही तस्वीरों में प्रकृति पूरी तरह बदल चुकी है। सुंदरता कहीं गायब हो गई है।

शख्स ने पोस्ट कर लिखा, इन दोनों तस्वीरों में 15 साल का अंतर है। लेटेस्ट तस्वीर आज स्विट्जरलैंड के रोन ग्लेशियर में ली गई। झूठ नहीं बोलूंगा, इसने मुझे रुला दिया।” पहली तस्वीर में श्री पोर्टर और एक महिला को देखा गया था जो 15 साल पहले ली गई थी। पुरानी तस्वीर के बैकग्राउंड में विशाल सफेद ग्लेशियर दिखाई दे रहा है। जबकि हाल में ली गई दूसरी तस्वीर में ग्लेशियर बहुत पीछे चला गया है। बर्फ पिघल गया है, जिसने इसकी सुंदरता को खत्म कर दिया है।

दोनों तस्वीरें देखने के बाद सोशल मीडिया यूजर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। देखिए यूजर्स ने क्या लिखा है-

“ओह…बर्फ…हे भगवान…हम कभी वापस नहीं लौटेंगे।”

एक तीसरे शख्स ने टिप्पणी की, “लोग बूढ़े हो जाते हैं और बाल झड़ जाते हैं और ग्लेशियर कम हो जाते हैं। यही पृथ्वी पर जीवन है!”

दूसरे यूजर ने लिखा, “इस तस्वीर पर एक नजर डालें और इसे एक पल के लिए अपने पास रख लें।”

वहीं एक और शख्स ने कहा, “हम सोचते थे कि #ClimateChange एक “धीमी गति से चलने वाली” परेशानी है लेकिन 15 सालों में एक पूरा ग्लेशियर गायब हो गया। हमारे पास बर्बाद करने के लिए अब समय नहीं है।”

एक अन्य ने लिखा, “तस्वीरें बेहतर ढंग से हमें समझाने में मदद करती है।”

एक और शख्स ने लिखा, “ग्लेशियर मौसम पर नहीं बल्कि जलवायु पर प्रतिक्रिया करते हैं और जलवायु स्पष्ट रूप से बदल रही है।”

एक यूजर ने कमेंट किया, “इंसान इस ग्रह पर असफल हो चुका है”।

बता दें कि पिछले साल संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि दुनिया के ग्लेशियर पिघल रहे हैं और उन्हें बचाना बेहद जरूरी है क्योंकि जलवायु परिवर्तन बार फिर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने कहा कि पिछले आठ साल अब तक के सबसे गर्म साल दर्ज किए गए हैं, जबकि कार्बन डाइऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसों की सांद्रता नई ऊंचाई पर पहुंच गई है। समुद्र का स्तर भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर है, जो 2013 और 2022 के बीच प्रति वर्ष औसतन 4.62 मिलीमीटर बढ़ गया है। यह 1993 और 2002 के बीच वार्षिक दर से दोगुना है।