भारतीय जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड की मंगलवार को दिल्‍ली में बैठक हई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। इस मीटिंग में बीजेप के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी भी शिरकत करने पहुंचे थे। मीटिंग में कुछ ऐसा हुआ जो सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बन गया। दरअसल पीएम के बगल वाली कुर्सी खाली थी और उसके बाद वाली चेयर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू और वित्‍तमंत्री अरुण जेटली विराजमान थे। कुछ देर बाद भाजपा के लौहपुरुष कहे जाने वाले वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी बैठक में हिस्‍सा लेने पहुंचे। वह अरुण जेटली के आगे खाली पड़ी कुर्सी की तरफ बढ़ रहे थे कि मोदी अपनी कुर्सी से खड़े हो गए और आडवाणी को उनके पास की कुर्सी पर बैठने के लिए बुलाया। जेटली और नायडू ने भी आडवाणी से मोदी के बगल वाली कुर्सी पर बैठने को कहा। इसके बाद आडवाणी आगे बढ़े और बैठक के दौरान पीएम मोदी के बगल वाली कुर्सी पर बैठे रहे।

इस घटना का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। सोशल मीडिया यूजर्स इस फोटो को लेकर जमकर मजाक उड़ा रहे हैं। हालांकि आडवाणी के सम्‍मान में पीएम मोदी तो कुर्सी छोड़कर खड़े हो गए, मगर जेटली और वेंकैया अपनी-अपनी कुर्स‍ियों पर जमे रहे। दोनों नेताओं ने बैठे-बैठे ही आडवाणी को माेदी के बगल में खाली पड़ी कुर्सी पर बैठने का इशारा किया। इस बैठक में पीएम मोदी ने सांसदों को संबोधित किया। वह अपने संबोधन के दौरान कई बार भावुक हो गए।

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गौरतलब के पीएम मोदी ने मीटिंग में सांसदों को संबोधित करते हुए नोटबंदी को सर्जिकल स्ट्राइक न ठहराने को कहा। उन्होंने कहा कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बैन करने का फैसला गरीबों की मदद के लिए किया गया है। पीएम ने भाजपा सांसदों से कहा कि वे इस बारे में जनता को जागरूक करें और इस कदम के फायदे बताएं। नोटबंदी कालेधन और भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई का अंत नहीं है, बल्कि यह शुरुआत है। नोटबंदी को लेकर संसद के शीतकालीन सत्र में भी हंगामा हो रहा है। विपक्ष की मांग है कि पीएम संसद में आकर इस मामले में बोलें।