Bizarre News Today: ऐसा कहा जाता है कि नाग-नागिन इंसानों से बदला लेते हैं। कई कहानियों में इस बात का जिक्र है। कई फिल्म भी नागिन के बदले की कहानी पर आधारित हैं। कहा जाता है कि अगर नाग को किसी इंसान ने चोट पहुंचाई है या उसकी जान ली है तो नागिन उन सभी लोगों से बदला लेती है जो उस घटना में शामिल होते हैं। नागिन अपने आंखों में शख्स की तस्वीर कैप्चर कर लेती है।
कौए इंसानों से बदला लेते हैं : रिसर्च
हालांकि, ये सब तो कहानियों की बात है। लेकिन एक रिसर्च के अनुसार कौओं के संबंध में बदला लेने की बात सामने आई है। एक नई शोध में शोधकर्ताओं ने पाया है कि कौए इंसानों से बदला लेते हैं। वे एक, दो या तीन साल नहीं बल्कि करीब 17 साल तक किसी इंसान या उसके द्वारा दी गई तकलीफ याद रखते हैं।
न्यूज 18 के अनुसार कौए जिन्हें दुनिया का सबसे बुद्धिमान जीव माना जाता है, वे बदला लेने में विश्वास रखते हैं। वो 17 साल तक अपने बदले की आग को जिंदा रखते हैं और मौका मिलते ही वार करते हैं। उनकी याददाश्त कमाल की होती है। अनोखे शोध में ये भी पाया गया है कि उन्हें अपने समुदाय के किसी भी पक्षी के साथ हुई दुर्घटना का आभास हो जाता है।
साल 2006 में शुरू किया गया था रिसर्च
बता दें कि इस पूरे रिसर्च की अगुवाई वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट्स ने की थी जिसे साल 2006 में शुरू किया गया था। रिसर्च की शुरुआत पर्यावरण वैज्ञानिक प्रोफेसर जॉन मार्जलूफ ने की थी। उन्होंने कुछ डरावने मुखौटे पहनकर 7 कौओं को पकड़ा और उन्हें छोड़ने से पहले उनके पैर में छल्ले डाल दिए। ऐसा इसलिए ताकि बाद में उनकी पहचान की जा सके।
बाद के सालों में वो वही मास्क पहनकर यूनिवर्सिटी कैंपस में घूमते थे और कौओं को दाना देते थे। एक शोधकर्ता ने अपने साथ हुई घटना को याद करते हुए लिखा कि जब वे मास्क पहन कर दाना डाल रहे थे तो 54 कौओं में से 47 ने उनपर हमला कर दिया। इन कौओं में सात शोध के लिए पकड़े गए कौए भी थे।
हालांकि, पूरी घटना में हैरान करने वाली बात ये थी कि हमलावर कौओं की संख्या परेशान किए गए कौओं से काफी ज्यादा थी। इस बात से ये सिद्ध हुआ कि कौए ना सिर्फ अपने साथ हुई घटना और शख्स को याद रखते हैं बल्कि अपने समाज के अन्य पक्षियों को भी इस बारे में बताते हैं।
कौए 17 साल तक पालते हैं बदले की भावना
शोध में इस बात का जिक्र है कि साल 2013 तक को परेशान करने वाले कौओं की संख्या काफी बढ़ गई। शोधकर्ताओं ने शोध के लिए उस समय अमेरिका के उपराष्ट्रपति डिक चेनी के मुखौटे का भी प्रयोग किया था। बाद के सालों में जब किसी आंदोलन के कारण लोगों ने चेनी का मुखौटा पहना तो उन में कुछ को कौओं के झुंड ने परेशान किया।
इस घटना ने खतरों को पहचानने और याद रखने में कौवों के कौशल की पुष्टि की. दुनिया में कई जगह और कई बार कौवों के हमला करने की घटनाएं सामने आई हैं। इस कारण ही शोध किया गया था। शोध के नतीजे स्पष्ट बताते हैं कि कौए 17 साल तक बदले की भावना पालते हैं। साथ ही खतरे को याद रख पहचान सकते हैं और अपने साथियों को भी बता सकते हैं।