कश्मीरी पंडितों के पलायन के विषय पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। नेताओं से लेकर आम लोग तक इस विषय पर अपनी राय दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के कुंडा विधानसभा सीट से विधायक व जनसत्ता लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने भी की है ।
राजा भैया ने सनातन धर्म के विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि 16 जनवरी 1990 में कश्मीर से 5 लाख हिंदुओं को निकाल दिया गया था। अब जब इस पर फिल्म बनाई गई है तो कुछ लोगों को खराब लग रही है। राजा भैया ने कहा, ‘ बहुत सारे लोग इस पर बात करने से दूर भागते हैं, हमारे हिंदू भाइयों के साथ कश्मीर में इतना बड़ा जनसंहार और अत्याचार हुआ लेकिन किसी ने आवाज नहीं उठाई।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए राजा भैया ने कहा कि जब कश्मीरी पंडितों के साथ अत्याचार हो रहा था तो मीडिया के साथ धर्माचार्य भी इस मामले में मौन साधे रह गए। हिंदुओं की पीड़ा को दर्शाती इस फिल्म को बंद करने के लिए क्यों कहा जा रहा है। उन्होंने हिंदू संस्कृति पर कहा कि इसे बचाने के लिए हमारा भी दायित्व है, हमें अपने बच्चों को धर्म के बारे में जरूर बताना चाहिए।
उन्होंने सवाल उठाया कि हम अपनी संस्कृति को लेकर इतने लापरवाह क्यों होते जा रहे हैं। इसके साथ राजा भैया ने कहा कि भारत अभी तक धर्मनिरपेक्ष देश है, जब तक हिंदू बाहुल्य है। इतिहास से सबक लेने की सलाह देते हुए राजा भैया ने कहा कि हमारा इतिहास बताता है, सबसे ज्यादा नरसंहार हिंदुओं के साथ ही हुआ है।
उन्होंने कहा कि अगर हम अपने इतिहास से सबक नहीं लेंगे तो आने वाली पीढ़ियों को इसका भुक्तभोगी बनना होगा। अब हिंदुओं को शास्त्र के साथ शस्त्र भी अपनाने की जरूरत है। कुंडा विधायक ने कहा कि भगवान राम ने पिता के आदेश से सब कुछ छोड़ दिया था लेकिन दुष्टों का नाश करने के लिए धनुष बाण नहीं छोड़ा था। इससे हमें यह समझना चाहिए कि शास्त्र के साथ शस्त्र कितना जरूरी होता है।