करवा चौथ त्योहार पर एक बहुत की सकारात्मक कहानी सामने आई है, जो पति-पत्नी के रिश्ते को और मजबूत कर रही है। एक पत्नी ने अपनी किडनी देकर पति की जान बचाई है और उसे मौत के मुंह से बाहर खींच लाई है। पत्नी ने अपने अटूट प्रेम और सुहाग की सुरक्षा की खातिर हिम्मत दिखाई है। यह कहानी मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले की है। प्रिया ने अपने पति पुरुषोत्तम की खातिर अपनी जान भी दांव पर लगा दी मगर हार नहीं मानी। आज लोग उसके सच्चे प्रेम औऱ त्याग की सराहना कर रहे हैं।
पत्नी ने नारी शक्ति की मिसाल पेश की है और यह साबित कर दिया है कि करवौचौथ सिर्फ रस्म नहीं बल्कि विश्वास है, एक पत्नी अपने पति के लिए मौत से भी लड़ सकती है। बता दें कि पुरुषोत्तम को लेकर परिवार के लोग चिंता में थे मगर किसी ने किडनी देने की हिम्मत न जुटाई। तभी प्रिया ने कहा कि अगर मेरे किडनी देने से मेरे पति की जान बच सकती है तो यह मेरा करवा चौथ होगा। डॉक्टरों ने जांच की दोनों का ब्लड ग्रुप और टिश्यू मैच हो गया। इसके बाद सफल ट्रांसप्लांट हुआ और आज प्रिया के पति पूरी तरह स्वस्थ हैं। प्रिया ने उन्हें नई जिंदगी दी है।
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, पुरुषोत्तम आज बहुत भावुक हैं वे कहते हैं मैं ही तुम्हारा चांद हूं, क्योंकि मेरी जिंदगी अब तुम्हारे कारण ही है। वे कहते हैं कि मेरी पत्नी साक्षात माता पार्वती जैसी हैं, जिन्होंने मुझे मौत से बचा लिया। दंपत्ति का कहना है कि करवा चौथ उनके लिए जिंदगी का उत्सव है जो उन्हें साथ में दोबारा मिली है। यह कहानी आज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जो प्रेम की मिसाल है।